पाकिस्तान, जिस ड्रोन से भारत में हमला कर रहा है, उसका भेद खुल गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में इन्हीं ड्रोन का इस्तेमाल किया है। भारतीय सेना ने अधिकांश ड्रोन मार गिराए गए हैं। फोरेंसिक जांच में पता चला है कि ये ड्रोन तुर्की में निर्मित हैं। पाकिस्तान ने गुरुवार को 36 शहरों में करीब 400 तुर्की के ड्रोन छोड़े थे।
असिस गार्ड सोंगर’ की खासियत यह है कि ये ड्रोन 10 मीटर/सेकंड की रफ्तार से उड़ान भरता है। ड्रोन की प्रभावी शूटिंग रेंज 400 मीटर बताई जाती है। हमले के दौरान ये ड्रोन 300 मीटर की ऊंचाई पर थे। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के पास भारी संख्या में चीन और तुर्की के ड्रोन हैं। मैनुअल मोड में ‘असिस गार्ड सोंगर’ ड्रोन 7 मीटर/सेकंड की गति से उड़ता है। हालांकि स्वायत्त मोड में इसकी गति 10 मीटर/सेकंड बताई जाती है। अगर समुद्र तल से इसकी ऊंचाई की बात करें तो वह 3000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है। मैदानी जगह पर 300 मीटर ऊपर तक जा सकता है। उड़ान की रेंज 5 किमी रहती है। इसके अलावा ड्रोन की प्रभावी शूटिंग रेंज 400 मीटर रहती है।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में यह बात बताई गई है कि पाकिस्तान से आए ड्रोन तुर्की के हो सकते हैं। ड्रोन की प्रारंभिक फोरेंसिक जांच में यह बात सामने आई है। सोंगर एक रिमोट से संचालित सशस्त्र ड्रोन सिस्टम है, जो तुर्की सशस्त्र बलों की सूची के लिए स्वदेशी रूप से विकसित अपनी तरह का पहला ड्रोन है। पहली बार इसे एक बख्तरबंद 4×4 वाहन में लगाया गया था। सीमा पार लक्ष्यों को भेदने के लिए इस ड्रोन का इस्तेमाल होता है। ड्रोन में वीडियो ट्रांसमिशन क्षमता रहती है। ऐसे कई ड्रोन जब एक साथ छोड़े जाते हैं तो उसका मकसद दुश्मन के सिस्टम और वहां लक्ष्य का पता लगाना होता है। उस क्षेत्र की निगरानी के लिए भी यह ड्रोन काम में लाया जाता है। यह एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, स्वायत्त और मैनुअल उड़ान मोड वाला ड्रोन है। इसमें ऐसी बैटरी लगी रहती है, जिसकी मदद से यह ड्रोन अपने लक्ष्य को भेद कर वापस आ सकता है। उड़ान समय करीब 30 मिनट (पेलोड के बिना) रहता है। इस ड्रोन में 5.56 x 45 MM असॉल्ट राइफल, 2 x 40 MM ग्रेनेड लॉन्चर, 6 x 40 MM ड्रम टाइप ग्रेनेड लॉन्चर, 3 x 81 MM मोर्टार ग्रिपर और 8 x टियर/स्मोक ग्रेनेड लॉन्चर फिट हो जाता है।
यह ड्रोन चुपके से अपने लक्ष्य को भेदता है। कई बार दुश्मन सेना उसे पहचान नहीं पाती और वह एकाएक हमला कर देता है। दुश्मन की खुफिया टोह लेना, निगरानी करना एवं दूसरी गतिविधियों के बारे में वास्तविक समय पर जानकारी जुटाना, इस ड्रोन की खासियत है। यह एक सशस्त्र ड्रोन सिस्टम है। ये ड्रोन, अपने हथियार को जल्द से जल्द, दोबारा से लोड करने की क्षमता रखता है। इसे एक एर्गोनोमिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजाइन किया गया है। इससे ड्रोन का कनेक्शन नहीं कटता है। उड़ान के दौरान उसके मिशन में परिवर्तन किया जा सकता है।