भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार 30 मई 2025 को समाप्त पखवाड़े में उद्योग क्षेत्र को बैंक ऋण में सालाना आधार पर केवल 4.9% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि पिछले वर्ष यह वृद्धि 8.9% थी। यह आंकड़े 41 प्रमुख अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से जुटाए गए हैं, जो कुल गैर-खाद्य ऋण का लगभग 95% कवर करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, गैर-खाद्य ऋण की कुल वार्षिक वृद्धि दर 9.8% रही, जो पिछले वर्ष 16.2% थी। प्रमुख उद्योगों में ‘ऑल इंजीनियरिंग’, ‘निर्माण’ और ‘रबर व प्लास्टिक उत्पादों’ को दिए गए ऋण में अपेक्षाकृत तेज वृद्धि देखने को मिली, लेकिन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ऋण वृद्धि घटकर 7.5% रह गई, जो पिछले साल 21.6% थी।
सेवा क्षेत्र को दिया जाने वाला ऋण भी घटकर 9.4% रह गया, जबकि एक साल पहले यह 20.7% था। खासकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को दिए गए ऋण में गिरावट इसका प्रमुख कारण है, हालांकि ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ क्षेत्र में ऋण वृद्धि बेहतर बनी रही।
व्यक्तिगत ऋण श्रेणी में भी सुस्ती देखी गई, जहां सालाना वृद्धि दर 13.7% रही, जबकि पिछले साल यह 19.3% थी। इस क्षेत्र में ‘अन्य व्यक्तिगत ऋण’, ‘वाहन ऋण’ और ‘क्रेडिट कार्ड बकाया’ की वृद्धि में नरमी दर्ज की गई है।