केरल के पलक्कड़ में शुक्रवार को एक 38 वर्षीय महिला निपाह वायरस से संक्रमित पाई गई, वहीं मलप्पुरम की 18 वर्षीय किशोरी की मौत निपाह संक्रमण से संबंधित मानी जा रही है, जिसे पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी द्वारा पुष्टि की गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके पश्चात करीबी संपर्कों का ट्रैक रखना शुरू कर दिया है और अब तक लगभग 345 लोगों की पहचान की जा चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय संयुक्त रोग प्रकोप प्रतिक्रिया टीम (NJORT) को केरल भेजने पर विचार शुरू कर दिया है। इस टीम में प्रभावी रोग निगरानी, परीक्षण और प्रबंधन में विशेषज्ञ सदस्य शामिल होंगे जो राज्य सरकार के साथ मिलकर महामारी नियंत्रण कार्यों में मदद करेंगे।
केरल में इंटीग्रेटेड डिज़ीज़ सर्विलांस, NCDC और राज्य स्वास्थ्य विभाग मिलकर सक्रिय निगरानी, संपर्क ट्रेसिंग और अस्पतालों में निगरानी बढ़ाए हुए हैं। प्रभावित जिलों — मलप्पुरम, पलक्कड़ और कोझिकोड — में कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं और संघीय-राज्य के स्तर पर त्वरित समन्वय का काम जारी है।
हालंकि प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिलता है कि दोनों मामले आपस में सीधे नहीं जुड़े हैं, लेकिन उन सभी सामाजिक गतिविधियों की समीक्षा की जा रही है जहां इनके संपर्क के ज़रिए संक्रमण फैल सकता है। इस कवायद से यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि निपाह का फैलाव स्थानीय स्तर पर ही सीमित रहे।