महाराष्ट्र में बारामती विधानसभा सीट पर पवार परिवार में एक और लड़ाई के लिए मंच तैयार होने के साथ, एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने कहा कि उनके चाचा अजीत पवार के खिलाफ लड़ना उनके लिए एक चुनौती है, लेकिन वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि सद्भावना और आशीर्वाद उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि बारामती के लोगों ने ही उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव के लिए चुना है।
अजित पवार ने भजीते के साथ जंग पर दी थी ये प्रतिक्रिया
बता दें कि इससे एक दिन पहले अजित पवार ने भतीजे के साथ चुनावी जंग पर कहा था कि, राजनीति में ऐसी लड़ाई आम बात है और उन्हें बारामती की जनता पर पूरा भरोसा है। 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (सपा) ने युगेंद्र को मैदान में उतारा है, जो अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। यह युगेंद्र पवार का पहला चुनाव है।
छह महीने पवार परिवार के बीच दूसरी लड़ाई
पिछले छह महीनों में पुणे जिले के बारामती में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच यह दूसरा चुनावी मुकाबला है। मई में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपनी भाभी और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस दौरान सुप्रिया सुले ने अपनी भाभी को 1.58 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर बारामती सीट पर जीत हासिल की थी। 1999 में शरद पवार की तरफ से स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जुलाई 2023 में दो हिस्सों में बंट गई, जब उनके भतीजे अजीत पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से हाथ मिला लिया।
पवार साहब का अनुभव मेरा समर्थन- युगेंद्र
वहीं चाचा के साथ चुनावी जंग पर युगेंद्र पवार ने कहा, जब मेरे चाचा (अजित पवार) ने बारामती से चुनाव लड़ा और काम किया, तो पवार साहब का आशीर्वाद उनके साथ था…लेकिन अब आशीर्वाद मेरे साथ है। पवार साहब के पास अधिक अनुभव है, जो मेरे लिए एक प्रोत्साहन और समर्थन है। उन्होंने कहा, मेरे माता-पिता सामाजिक कार्य करते हैं, मैं शैक्षणिक संस्थानों और कुश्ती संघ से जुड़ा हुआ हूं। मेरी फैक्ट्री यहां है और मैं जैविक खेती कर रहा हूं। उन्होंने कहा, यह (शरद) पवार साहब की 99 प्रतिशत सद्भावना है, जबकि मेरा प्रयास केवल एक प्रतिशत है।
‘लोकसभा में साबित हुआ असली एनसीपी कौन हैं’
राजनीति में सफल होने की उम्मीद कर रहे युगेंद्र पवार ने कहा कि दोनों एनसीपी में से कौन असली है, इसका सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि शरद पवार पार्टी के संस्थापक हैं। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनावों में भी यह साबित हो चुका है। जब उनसे दोनों एनसीपी के भविष्य के बारे में पूछा गया, क्योंकि अजित पवार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गुट को विधायी बहुमत के आधार पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह मिल गया है, तो युगेंद्र ने कहा, इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की जनता फैसला करेगी, जो काफी बुद्धिमान है।