29 C
Mumbai
Thursday, November 14, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की न्यायाधीशों को नसीहत, कहा- न्याय न केवल किया जाए बल्कि होते हुए भी दिखे

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में न्यायालयों के लोक लुभावन फैसलों को लेकर न्यायाधीशों को नसीहत दी। सीजेआई ने कहा कि न्यायाधीश सांवधानिक और कानूनी सवालों पर फैसला करते समय लोकप्रिय नैतिकता से मुक्त होकर काम करें। न्यायालयों की वैधता और विश्वसनीयता का आधार जनता का भरोसा है। इसलिए जब भी फैसले सुनाए जाएं तो यह ध्यान रखा जाए कि न्याय न केवल किया जाए, बल्कि होते हुए भी दिखना चाहिए।

भूटान में जिग्मे सिंग्ये वांगचुक व्याख्यान में संबोधन के दौरान सीजेआई ने न्यायपालिका की विश्वसनीयता और अदालतों के संस्थागत विश्वास पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट को लोगों की अदालत होने पर गर्व है। अदालत लोगों के दैनिक जीवन से जुड़ी समस्याओं को भी दूर कर रही है, इसलिए लोगों को विश्वास मायने रखता है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों से अपेक्षा की जाती है कि वे सांवधानिक या कानूनी प्रश्नों पर निर्णय लेते समय लोकप्रिय नैतिकता के बोझ से मुक्त होकर कार्य करें।

उन्होंने कहा कि अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग जैसे उपायों ने आंतरिक दक्षता, जवाबदेही और संस्थागत स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद की है। उन्होंने कहा कि अब जनहित याचिका देश की संवैधानिक व्यवस्था का एक अनूठा हिस्सा बन गई है। इसलिए महत्वपूर्ण परिणाम अदालतों की जवाबदेही का एक हिस्सा हैं। न्यायिक संस्थानों का मूल्यांकन लोग परिणामों की स्थिरता और समता, निष्पक्षता और न्याय के सांवधानिक मूल्यों के पालन के आधार पर करते हैं। इसलिए न केवल न्यायिक निर्णय बल्कि उन तक पहुंचने के रास्ते भी पारदर्शी होने चाहिए। 

उन्होंने कहा कि हमारे निर्णयों की कथित निष्पक्षता के साथ-साथ उन्हें प्राप्त करने में आसानी भी महत्वपूर्ण है। न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए। अदालतों में प्रक्रिया में फंसे लोगों की तुलना में परिणाम दुर्लभ हैं। उन्होंने न्यायालयों में की गई तकनीकी पहल को लेकर भी बात की।  

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here