प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14,325 करोड़ रु. के फर्जी जीएसटी बिल घोटाले का पर्दाफाश करते हुए कोलकाता, रांची और जमशेदपुर सहित देशभर के नौ ठिकानों पर छापेमारी की है। इन जगहों में आरोपियों के दफ्तर, घर और अन्य संदिग्ध ठिकाने शामिल थे। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई अहम दस्तावेज, कंप्यूटर डाटा, बैंक खातों की जानकारी और अघोषित संपत्तियों के सबूत जब्त किए।
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में मुख्य आरोपियों अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और शिव कुमार देवड़ा पर फर्जी बिलों के जरिए 800 करोड़ से ज्यादा का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हड़पने का आरोप है। इन तीनों के साझेदार रहे जमशेदपुर के जुगसलाई के व्यवसायी विक्की भालोटिया के घर पर भी ईडी ने दबिश दी है। ईडी ने धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत कार्रवाई करते हुए कई दस्तावेज, डिजिटल डाटा और अघोषित संपत्तियां जब्त की हैं।
पूर्व की जांच में जमशेदपुर के बबलू जायसवाल और विक्की भालोटिया का नाम भी पहले सामने आ चुका है, जिन पर इस घोटाले में शामिल होने का आरोप है। कुछ दिन पहले अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और शिव कुमार देवड़ा को जमशेदपुर की अदालत में भी पेश किया गया था। यह कार्रवाई गुरुवार को शुरू हुई और जांच अभी जारी है।
फर्जी बिलों का जाल, सरकार को अरबों का चूना
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने सैकड़ों फर्जी कंपनियां बनाकर झूठे व्यापारिक दस्तावेज तैयार किए। इन फर्जी बिलों के जरिए उन्होंने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का गलत दावा किया, जो वास्तव में कभी चुकाया ही नहीं गया। इस तरह उन्होंने सरकार को 14,325 करोड़ रु.का नुकसान पहुंचाया। सुमित गुप्ता पर 135 बोगस फर्म चलाने का आरोप है, जिनके जरिए फर्जी बिल बनाए गए। यह पूरा खेल सुनियोजित था, जिसमें बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद करने की कोशिश की गई।
ईडी ने गुरुवार को कोलकाता, रांची और जमशेदपुर में एक साथ नौ ठिकानों पर छापेमारी की। इन जगहों पर आरोपियों के दफ्तर, घर और अन्य संदिग्ध ठिकाने शामिल थे। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई अहम दस्तावेज, कंप्यूटर डाटा, बैंक खातों की जानकारी और अघोषित संपत्तियों के सबूत जब्त किए।
जमशेदपुर में इस मामले की गूंज पहले से थी, क्योंकि यहां के कारोबारी बबलू जायसवाल और विक्की भालोटिया पर भी ईडी पहले कार्रवाई कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों इस घोटाले की अहम कड़ी हो सकते हैं।