‘जेड प्लस’ सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: अंबानी परिवार की सुरक्षा नहीं हटेगी, याचिकाकर्ता को चेतावनी
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दी गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा हटाने की याचिका को सख्ती से खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता बिकाश साहा का इस मामले में कोई प्रत्यक्ष हित या अधिकार नहीं है, इसलिए इस तरह की याचिकाएं अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग हैं।
बार-बार याचिका दाखिल करने पर फटकार
बिकाश साहा इससे पहले भी दो बार इसी मुद्दे पर याचिका दाखिल कर चुके हैं, जिन्हें कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। इस बार उन्होंने पुराने मामले में एक “स्पष्टीकरण याचिका” दाखिल कर अंबानी परिवार की सुरक्षा हटाने की मांग दोहराई। अदालत ने इसे अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की निराधार याचिकाएं दाखिल करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
अदालत की कड़ी टिप्पणी
न्यायमूर्ति मनमोहन ने स्पष्ट किया कि किसे कितनी सुरक्षा दी जाए, यह अदालत तय नहीं कर सकती, बल्कि यह केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है, जो खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर आधारित होती है। उन्होंने कहा –
“अगर कल को कोई गंभीर घटना हो जाती है, तो क्या याचिकाकर्ता इसकी जिम्मेदारी लेगा?”
अंबानी पक्ष और सरकार की दलील
अंबानी परिवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बहस में भाग लिया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता बार-बार अदालत का समय बर्बाद कर रहा है और उस पर प्रतिबंध या जुर्माना लगना चाहिए। केंद्र सरकार ने भी पहले ही स्पष्ट किया है कि अंबानी परिवार को यह सुरक्षा सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टों और आकलन के बाद दी गई है। साथ ही यह भी बताया गया कि इस सुरक्षा का व्यय अंबानी परिवार स्वयं उठाता है।
पृष्ठभूमि क्या है?
यह मामला जून 2022 में त्रिपुरा हाई कोर्ट के आदेश से शुरू हुआ था, जिसमें गृह मंत्रालय को अंबानी परिवार की सुरक्षा से जुड़ी सभी फाइलें कोर्ट में पेश करने को कहा गया था। इस आदेश को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उसी केस में बिकाश साहा ने बार-बार याचिकाएं दायर कीं।
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय
सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहकर याचिका को नकार दिया:
“यह याचिका न केवल निराधार, बल्कि परेशान करने वाली है। याचिकाकर्ता नई जानकारी या तथ्य पेश नहीं कर सका।”
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि अंबानी परिवार को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलती रहेगी। कोर्ट के 2023 के आदेश के अनुसार, भारत में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार और गृह मंत्रालय पर है, जबकि विदेश यात्रा के दौरान यह केवल गृह मंत्रालय के अधीन होगी।