पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से हत्या और दुष्कर्म मामले में जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध जारी है। इस गतिरोध का हल निकालने के लिए सोमवार की शाम को प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर ममता बनर्जी से मिलने राजभवन पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच बैठक हुई। बैठक करीब दो घंटे चली। इसमें जूनियर डॉक्टरों की विभिन्न मांगों पर चर्चा हुई। इन मांगों में राज्य के अस्पतालों में व्याप्त धमकी की संस्कृति भी शामिल थी। पहली बार इसे लाइव स्ट्रीम किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों से अनशन समाप्त करने की अपील की।
दोनों पक्षों ने चिकित्सकों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के एक वर्ग द्वारा जारी भूख हड़ताल के 17वें दिन आयोजित इस बैठक का पहली बार राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ से सीधा प्रसारण किया गया। बैठक में बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों से बार-बार अनशन समाप्त करने का आग्रह किया और कहा कि उनकी अधिकांश मांगों पर विचार किया जा चुका है। हालांकि, उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाने की प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग को खारिज कर दिया।
बैठक में एक डॉक्टर ने मुख्यमंत्री से कहा, पिछले तीन वर्षों में आरजी कर में “विषाक्त” वातावरण के बारे में राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ कई बार लिखित रूप में चिंता व्यक्त की है। महिला चिकित्सकों को उनके पुरुष साथियों द्वारा अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ा, और जिन्होंने यौन उत्पीड़न का सामना किया, उनके पास अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए उचित चैनल नहीं था।
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने भिन्न मत देखने को मिले। मुख्यमंत्री ने कहा, अगर आप आंदोलन शुरू करते हैं, तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि इसे कैसे समाप्त करना है। यह सही नहीं है कि सभी आपकी मांगें मान ली जाएंगी। आप अपनी मांगें प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हमारे पास यह आकलन करने का अधिकार है कि क्या वे न्यायसंगत हैं या नहीं उन्होंने उनकी मांगों पर ध्यान देने का वादा करते हुए जूनियर डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वे अपने सहयोगियों को अनशन समाप्त करने और ड्यूटी पर लौटने के लिए मनाएं। हम चाहते हैं कि आप सभी स्वस्थ रहें और अपने जीवन में प्रगति करें। मैं भी एक जन आंदोलन का उत्पाद हूं। मुझे यह जानकर बहुत दुख होता है कि आपके कुछ सहयोगी अनशन पर हैं। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप अनशन समाप्त करें।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूछा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कई जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन किए बिना निलंबित कर दिया गया। इन छात्रों या रेजिडेंट डॉक्टरों को सिर्फ शिकायतों के आधार पर कैसे निलंबित किया जा सकता है? कॉलेज प्रशासन को राज्य सरकार को सूचित किए बिना ऐसा कदम उठाने का अधिकार किसने दिया? क्या यह ‘धमकाने की संस्कृति’ नहीं है?’’
इस पर जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो ने मुख्यमंत्री का विरोध करते हुए कहा कि जो लोग निलंबित हुए हैं वे वास्तव में धमकी की संस्कृति का हिस्सा हैं और डॉक्टर बनने के योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, “अगर जरूरत हो, तो राज्य सरकार उनके प्रदर्शन का आकलन कर सकती है और फिर निर्णय ले सकती है। डॉक्टरों ने और राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में प्रणालीगत बदलाव की मांग की है।
वहीं, राज्य सचिवालय के लिए रवाना होने से पहले प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर देबाशीष हलदर ने कहा, “हम इस बैठक से एक सकारात्मक आउटकम की अपेक्षा करते हैं।” जूनियर डॉक्टरों ने धमकी भी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो राज्यव्यापी काम बंद करना पड़ेगा। बता दें कि अबतक अनशन पर बैठे छह डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अन्य आठ डॉक्टरों अभी भी अनशन पर बैठे हुए हैं। शनिवार को सीएम ममता बनर्जी ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से फोन पर बात की। उन्होंने डॉक्टरों से अनशन खत्म करने की अपील की और आश्वासन दिया कि उनकी अधिकांश मांगे पूरी कर दी गई है।
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने मृतक महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने और राज्य स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को पद से हटाने की मांग की है। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा और महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग की।
क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।