सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका को स्थगित रखने का आदेश दिया है। इस याचिका में पूर्व किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित नहीं करने का आरोप लगाया गया है। डल्लेवाल 26 नवंबर, 2024 से अनशन पर हैं। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्वास्थ्य रिपोर्ट देने को कहा था।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि किसान नेता अस्थायी चिकित्सा सुविधा में जाने के लिए सहमत हो गए हैं और प्रदर्शनकारी किसान भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार के साथ बातचीत के लिए आगे आए हैं।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले में सकारात्मक प्रगति को ध्यान में रखा, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से मिलने के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजना शामिल है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि दोनों पक्ष बातचीत करने और 14 फरवरी, 2025 को चंडीगढ़ में मामले का निपटारा करने पर सहमत हुए हैं। डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता स्वीकार कर ली है और उनकी हालत में सुधार हुआ है तथा उन्हें प्रदर्शन स्थल से 50 मीटर दूर एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
वहीं, राज्य के वकील ने कहा कि 100 से अधिक किसानों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है और डल्लेवाल ने अपना अनशन समाप्त किए बिना ही चिकित्सा सहायता ली है। पीठ ने कहा, “हम डल्लेवाल को यह समझाना चाहेंगे कि वह बैठक से कुछ दिन पहले चंडीगढ़ जा सकते हैं और पीजीआई, चंडीगढ़ में उचित चिकित्सा जांच करा सकते हैं तथा प्रभावी भागीदारी के लिए आवश्यक चिकित्सा सहायता ले सकते हैं।”
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने भी डल्लेवाल से मुलाकात की थी। पीठ ने मामले को फरवरी के अंत में विचार के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, “वर्तमान घटनाक्रम के मद्देनजर अवमानना कार्यवाही स्थगित रखी जाती है तथा अधिकारियों की उपस्थिति समाप्त की जाती है।”
बता दें कि न्यायालय ने इससे पहले कई बार पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर फटकार लगाई थी। 6 जनवरी को पीठ को सूचित किया गया था कि जस्टिस नवाब सिंह के नेतृत्व में न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति दिन में किसानों से मिलने जा रही है। 2 सितंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया था। किसान 13 फरवरी, 2024 से शंभू सीमा पर अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा किसानों ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 के पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।