बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आरा में हुई विशाल रैली ने न केवल राज्य की चुनावी सरगर्मी को बढ़ा दिया, बल्कि इस बार इसका गवाह एक खास विदेशी प्रतिनिधिमंडल भी बना। जापान, इंडोनेशिया, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, भूटान और दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक प्रतिनिधि दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे, जहां उन्होंने भाजपा के चुनावी अभियान को करीब से देखा।
भाजपा के विदेश मामलों के विभाग प्रमुख विजय चौथाईवाले के अनुसार, इन राजनयिकों का उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और भाजपा के चुनाव प्रबंधन प्रणाली को समझना था। दो दिवसीय दौरे में उन्होंने पार्टी की जमीनी प्रचार रणनीति, बूथ प्रबंधन, जनसंपर्क अभियानों और तकनीकी साधनों के उपयोग का विस्तृत अध्ययन किया।
मोदी की रैली में हुई विशेष मौजूदगी
भाजपा की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, विदेशी प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री मोदी की आरा में आयोजित चुनावी सभा में भी हिस्सा लिया। उन्होंने वहां जनता की भारी भागीदारी और उत्साह को देखकर गहरी दिलचस्पी दिखाई। राजनयिकों ने यह भी समझा कि भाजपा का चुनाव अभियान किस तरह जनसंपर्क, कार्यकर्ता नेटवर्क और तकनीकी साधनों के संयोजन पर आधारित है।
भाजपा नेताओं से की मुलाकात
अपने दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं — रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े — से भी मुलाकात की। इस बातचीत में पार्टी की चुनावी रणनीति, संगठनात्मक ढांचा और सोशल मीडिया प्रबंधन जैसे पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बिहार चुनाव कार्यक्रम
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी राजनयिकों की यह उपस्थिति भाजपा के लिए एक ‘सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी’ का हिस्सा है, जो न केवल भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और मजबूती को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी विश्वसनीयता और आकर्षण को भी बढ़ाती है।

