सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के करोड़ों यूजर्स को लंबे वक्त से 4जी और 5जी इंटरनेट सेवाएं का इंतजार है। सरकार भी ग्राहकों को जल्द ये सेवाए उपलब्ध करवाने के लिए तेजी से काम कर रही है। बड़ी संख्या में मोबाइल टावर लगाने के साथ उसे अपग्रेड किया जा रहा है। हालांकि सरकार अपनी तय डेडलाइन से काफी दूर नजर आ रही है। क्योंकि सरकार ने पहले 4 जी सेवा 2024 में लांच करने का दावा किया था,लेकिन अभी इस सेवा को जून-जुलाई तक रोलआउट की बात सामने आ रही है। इस बीच केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में एक बड़ा अपडेट दिया है।
मंत्री सिंधिया ने 4 जी सेवा को लेकर कहा कि अब तक 90 हजार के करीब टावर लगाए जा चुके हैं। इनमें से 76 हजार टावरों को हरी झंडी मिल गई है। जुलाई तक 1 लाख टावर लगा दिए जाएंगे। इसके बाद सर्विस की क्वालिटी को चेक किया जाएगा। सरकार पहले एक लाख टावर को लगाएगी। इसके बाद धीरे धीरे नेटवर्क को बढ़ाएगी।
5जी सेवा की पर मंत्री ने कहा, जब एक लाख टॉवर पूरे तरह से चलने लग जाएंगे। इसके बाद नेटवर्क की स्विचिंग होगी यानी 4जी से 5जी पर जाया जाएगा। हालांकि मंत्री ने कहा कि 4जी नेटवर्क से 5जी में शिफ्ट होना कठिन नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में बीएसएनएल की 4जी सेवाओं को रोल आउट करने के लिए सरकार ने खुद को कोर और आरएएन विकसित किया है। भारत अब दुनिया के उन 4 से 5 देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास 4जी और 5जी डेवलप करने की अपनी टेक्नोलॉजी है।
डेढ़ लाख लोगों ने छोड़ा बीएसएनएल का साथ
हाल ही में आए ट्राई के डेटा में बताया गया है कि जनवरी महीने में डेढ़ लाख से ज्यादा वायरलेस सब्सक्राइबर्स ने बीएसएनएल का साथ छोड़ दिया। बीएसएनएल के अलावा वोडा-आइडिया को भी ग्राहकों का नुकसान हुआ है। आंकड़ों की बात करें तो निजी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल सबसे आगे रही है। कंपनी ने जनवरी में 16.5 लाख सब्सक्राइबर अपने साथ जोड़े हैं। इसके बाद जियो का नंबर आता है। जिओ ने 6.86 लाख ग्राहक जोड़े हैं। वहीं वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल की बात करें तो वोडाफोन आइडिया के 13.4 लाख कस्टमर साथ छोड़ गए, जबकि बीएसएनएल से 1.52 लाख सब्सक्राइबर का भरोसा हट गया है।