रूस के परमाणु उर्जा निगम ‘रोसाटॉम’ ने कहा कि बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ‘गैरकानूनी’ हैं और इन्हें ‘दुश्मन देशों’ द्वारा की जा रही ‘अनुचित प्रतिस्पर्धा’ के रूप में देखा जा रहा है। इसने कहा, रोसाटॉम परमाणु उर्जा तकनीकों के निर्यात में दुनिया का नेता है। इसलिए ये प्रतिबंध दु्श्मन देशों की ओर से की जा रही अनुचित प्रतिस्पर्धा के रूप में देखे जा रहे हैं।
रोसाटॉम ने एक बयान में कहा, करीब तीन वर्षों से हम बढ़े हुए प्रतिबंधों के दबाव में काम कर रहे हैं और सफलतापूर्वक खुद को ढालते हुए किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। रोसाटॉम अपने सभी साझेदारों के साथ किए गए सभी वादों को पूरी तरह से निभा रहा है।
बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को रूस के महत्वपूर्ण उर्जा क्षेत्र पर प्रतिबंध बढ़ाने का एलान किया। यह कदम यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर रूस को कड़ी सजा देने के मकसद से उठाया गया। वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद ट्रंप व्हाइट हाउस में लौटने के लिए तैयार हैं और उन्होंने युद्ध को जल्द खत्म करने का वादा किया है।
इन प्रतिबंधों में दो भारतीय कंपनियों स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज और एविएशन मैनेजमेंट सर्विस व रोसाटॉम के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। ये परमाणु उर्जा, गैर उर्जा वस्तुओं और उच्च तकनीनी उत्पादों में विशेषज्ञता रखते हैं। इसके अलावा डेढ़ सौ से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिसमें रूसी तेल अत्पादक गैजप्रोम नेफ्ट और सुर्गुटनेफ्टेगास, रूसी बीमा कंपनियां और शैडो फ्लीट जहाज भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि ये प्रतिबंध रूस की अर्थव्यवस्था को हर महीने अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये प्रतिबंध उन संस्थाओं को दंडित करेंगे, जो रूस के साथ व्यापार करेंगे।