वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सोमवार को पार्लियामेंट एनेक्सी में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक हुई। एक सदस्य के बयान को लेकर विपक्षी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। सदस्यों ने आरोप लगाया कि समिति नियमों और विनियमों के अनुसार काम नहीं कर रही है। वहीं जमीयत उलमा ए हिंद के प्रतिनिधियों और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन अपनी टीम के साथ समिति के सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
बैठक का कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, डीएमके के ए राजा, शिव सेना (उद्धव) के अरविंद सावंत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह समेत कई विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि संयुक्त समिति नियमों के अनुसार काम नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग और कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पादी ने कर्नाटक सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर अनावश्यक आरोप लगाए। जिनका वक्फ संशोधन विधेयक से कोई लेना देना नहीं है।
विपक्षी सदस्यों ने अलग बैठक करने के बाद जेपीसी के रवैये को लेकर लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क करने का फैसला किया। उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी कार्यवाही जारी रखी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव के लिए बीते संसद सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था। हालांकि विपक्ष ने इस विधेयक का यह कहकर विरोध किया कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ है। विपक्ष के विरोध को देखते हुए सरकार ने इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजने का फैसला किया। इस जेपीसी की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं। जेपीसी में कई मुस्लिम सांसदों को भी जगह दी गई है ताकि पूरे विचार विमर्श के बाद कानून बनाया जा सके।