सरकारी बैंकों का सकल बुरा फंसा कर्ज (जीएनपीए) छह वर्षों में 11.46 फीसदी घटकर इस साल सितंबर तिमाही में 3.12 फीसदी हो गया है। 2018 में यह 14.58 फीसदी था। वित्त मंत्रालय ने कहा, 2015 से शुरू चार आर यानी पहचान, पुनर्पूंजीकरण, समाधान और सुधार से यह संभव हुआ है।
वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा, इन बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 3.93 फीसदी सुधरकर सितंबर में 15.43 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो मार्च 2015 में 11.45 फीसदी था। सरकारी बैंकों ने 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 2023-24 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक शुद्ध लाभ कमाया है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 86,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। पिछले तीन वर्षों में इन बैंकों ने 61,964 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। एजेंसी
अब तक 54 करोड़ से ज्यादा जन धन खाते खुले
वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए 54 करोड़ जन धन खाते और विभिन्न प्रमुख वित्तीय समावेशन योजनाओं जैसे पीएम मुद्रा, स्टैंडअप इंडिया, पीएम स्वनिधि व पीएम विश्वकर्मा के तहत 52 करोड़ से अधिक गारंटी मुक्त कर्ज बांटे गए हैं।
1.60 लाख शाखाएं
बैंकों की शाखाएं सितंबर तक 1,60,501 रही हैं। मार्च, 2014 में यह 1,17,990 थीं।