कफ की बीमारी की काट आयुर्वेद में, कोरोना एक सूखा कफ है। हमारे डाक्टर जितनी भी एंटीबायटिक दवाईयां देते हैं वो कफ सुखाने के लिए देते हैं। लेकिन ये पहले ही सूखा हुआ है, तो इस पर कोई असर नहीं होता। इसी वजह से इसका इलाज अभी तक नहीं ढूंढा जा सका। क्योंकि वो अपने दायरे से हटकर नहीं सोच रहे। आयुर्वेद में इसका बहुत ही सरल व सीधा निदान है। आयुर्वेद में कफ की बीमारी की काट सबसे आसान है।
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यह बातें प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य डी के शर्मा ने बताते हुए कहा कि इस बीमारी को काटने का सूत्र आयुर्वेद में बताए गए है। हर खाद्य पदार्थ अपनी प्रकृति के अनुसार या तो कफनाशक होता है या कफवर्धक। अब जिसको कोरोना है उसको क्वारंटाईन करके कफवर्धक खाद्य वस्तुओं को देना बंद कर कफनाशक चीजों का सेवन कराना है। जब इस वायरस को बढ़ने के लिए खाद्य पदार्थ ही नहीं मिलेगा तो मैं गारंटी देता हूं पांच दिन के अंदर यह नष्ट हो जाएगा और मरीज ठीक हो जाएगा।
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उन्होंने बताया कि कफवर्धक में मांस, अंडा, घी, तेल, दूध, लस्सी, पनीर, दही, प्याज, आलू, उडद या चने की दाल, अरवी, शकरकन्दी, फूलगोभी, बंदगोभी, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन, मशरुम, संतरा, सेब, केला है। कफनाशक में अदरक, हल्दी, तुलसी, काली मिर्च, शिलाजीत, मुलेहठी, आमलकी रसायन, काला बांसा, जौ की रोटी, मूंग दाल, घिया, तोरी, जीरा, सेंधा नमक, मीठा अनार, चीकू, नारियल पानी होता है।
कोरोना मरीज को सिर्फ अदरख, हल्दी, तुलसी और काली मिर्च (पाउडर) का दूध देते रहे। गाय का दूध सर्वोत्तम है। दिन में तीन टाईम एक गिलास दूध में मिलाकर गर्म करके दें। पांच दिन इस प्रक्रिया से मरीज स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। इसे ऐसे समझें कफ का सोर्स बंद। शिलाजीत अत्यंत कफनाशक है। पांच दिन लगातार इससे मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। एक चम्मच मुलेहठी को गर्म दूध के दिन में तीन बार दे। पांच दिन इस प्रक्रिया से मरीज पूर्णत स्वस्थ हो जाएगा और कोरोना खत्म हो जाएगा। याद रखें ये सुगर के मरीज को ना दें।
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अभ्रक भस्म एक ग्राम (शतपुटी) शहद या मलाई या दूध में मिलाकर तीन वक्त दें खाली पेट। उसके लेने के दो घंटे बाद मरीज को एक गिलास दूध दें। ऐसा दिन में तीन बार करे। मरीज को और कुछ ना दे। लगातार पांच दिन यही प्रकिया चलनी चाहिए। गर्म पानी पी सकता है मरीज। अगर पांच दिन तक सिर्फ मरीज को गर्म पानी ही दिया जाए और कुछ भी ना दिया जाए तो उसका कफ स्वयं खत्म हो जाएगा। मरीज थोड़ा कमजोर अवश्य हो सकता है। पर उसका शरीर खुद इस कफ को खत्म कर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो आदमी सुबह शाम मेडिटेशन करता है उसका शरीर स्वयं इस बीमारी को समाप्त कर देता है। क्योंकि उसे ईश्वरीय उर्जा प्राप्त होने लगती है। ये सारे प्रयोग आयुर्वेद के अनुसार है। इसलिए आयुर्वेद जीवनशैली को अपनाइये।
(सौ. प्रसिद्ध नाड़ी वैद्य डी के शर्मा / एच.एस.)