लोकसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल जोर लगा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने शनिवार को घोषणा की कि वे पांच अप्रैल को अपना घोषणा पत्र जारी करेंगे। इसके अलावा, कांग्रेस ने भाजपा के अंतिम क्षण में घोषणा पत्र समिति के गठन पर भी कटाक्ष किया। बता दें, भाजपा ने शनिवार को घोषणापत्र तैयार करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 27 सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसमें कई केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि हमने 16 मार्च को अपना ‘पांच न्याय’ और ‘पच्चीस गारंटी’ जारी की। देश भर में आठ करोड़ गारंटी कार्ड वितरित करने के लिए हम तीन अप्रैल से ‘घर घर गारंटी’ अभियान शुरू करेंगे। घोषणापत्र 5 अप्रैल को जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र राष्ट्रव्यापी विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। हमने अपने घोषणा पत्र में उन हजारों सुझावों को भी शामिल किया है, जो हमें ईमेल और ‘आवाज भारत की’ वेबसाइट के माध्यम से भेजे गए हैं। कांग्रेस का घोषणा पत्र जनता की आवाज को दर्शाता है।
भाजपा पर साधा निशाना
इसके अलावा, रमेश ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र केवल बक्सों पर टिक लगाने की एक प्रक्रिया मात्र है। इससे साबित होता है कि पार्टी कैसे जनता की अवमानना कर रही है। इससे यह साबित होता है कि कैसे भाजपा जनता की उम्मीदों को नजरअंदाज कर रही है। भाजपा आयकर नोटिस भेजकर कांग्रेस को परेशान करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन कांग्रेस न तो डर रही है और न ही धीमी हो रही है। हम तैयार हैं, हम जीतेंगे।
भाजपा की घोषणा पत्र समिति में कौन-कौन शामिल?
राजनाथ के अलवाा, समिति में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा, भूपेंद्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, किरेन रिजिजू, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र पटेल, हिमंत बिस्व सरमा, विष्णुदेव साय, मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, स्मृति ईरानी, जुएल ओराम, रविशंकर प्रसाद, सुशील मोदी, केशव प्रसाद मौर्य, राजीव चंद्रशेखर, विनोद तावड़े, राधामोहन दास अग्रवाल, मनजिंदर सिंह सिरसा, ओपी धनखड़, अनिल एंटनी, तारीक मंसूर के नाम शामिल हैं।
पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही संभाली थी कमान
गौरतलब है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 20 सदस्यों वाली मैनिफैस्टो कमेटी बनाई थी। तब उसकी कमान तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ही सौंपी गई थी। इस बार भी उन्हें ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। कहा जा रहा है कि भाजपा अप्रैल के दूसरे हफ्ते में घोषणापत्र जारी करने की योजना बना रही है।