देश की सर्वोच्च अदालत ने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के अध्यक्ष आर. वी. अशोकन से सवाल पूछा है। अदालत ने पूछा कि क्या अशोकन की बिना शर्त माफी की खबर उन अखबारों में प्रकाशित हुई है, जिनमें उनका साक्षात्कार छपा था।
आपको बता दें कि अशोकन ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन मामले को लेकर सवालों के जवाब दिए थे। अशोकन ने कहा था, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए की आलोचना की।’ उधर, ये मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। अदालत ने कहा कि अशोकन को व्यक्तिगत रूप से अखबारों में माफीनामा देना होगा और इसका खर्च आईएमए द्वारा वहन नहीं किया जाएगा। इससे पहले नौ जुलाई को आर.वी. अशोकन ने शीर्ष अदालत को बताया था कि पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में उनके विवादित बयानों के संबंध में बिना शर्त माफी को कई प्रकाशनों में प्रकाशित किया गया है।
उधर, भारतीय चिकित्सा संघ के वकील ने भी कहा है कि अशोकन की बिना शर्त माफी को आईएमए के मासिक प्रकाशन में भी प्रकाशित किया गया था। इसके अलावा आईएमए की वेबसाइट में भी इसे प्रकाशित किया गया है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने आईएमए के वकील से कहा, ‘अशोकन के माफीनामे को उन अखबारों में भी प्रकाशित किया जाना चाहिए, जिनमें उनके साक्षात्कार को प्रकाशित किया गया था।’
शीर्ष अदालत की पीठ ने सवाल किया, ‘क्या अशोकन का बिना शर्त माफीनामा उस अखबारों में प्रकाशित हुआ है, जिनमें उनके साक्षात्कार को प्रकाशित किया गया था?’ अदालत ने आगे कहा कि आईएमए अध्यक्ष मुश्किलों को निमंत्रण दे रहे हैं। उधर आईएमए की तरफ से अदालत के समक्ष पेश हुए वकील पी.एस. पटवालिया ने कहा कि अशोकन द्वारा खुद को अवमानना से मुक्त करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। इसके बाद अदालत ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।