30 C
Mumbai
Saturday, November 23, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

तमिलनाडु: बालाजी की मेडिकल रिपोर्ट तलब मनी लॉन्ड्रिंग केस में, दिसंबर में सुनवाई ‘ज्ञानवापी’ पर

तमिलनाडु के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की डीएमके सरकार में मंत्री रहे सेंथिल बालाजी से नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने बालाजी से मेडिकल रिपोर्ट मांगने के बाद मामले की सुनवाई 28 नवंबर को तय की। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में द्रमुक सरकार में पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। जमानत की अपील पर संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने बालाजी के वकील को नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

बता दें कि शीर्ष अदालत मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर बालाजी की अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने करीब एक महीने पहले, बीते 19 अक्तूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय का मानना है कि जमानत मिलने पर वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

तमिलनाडु वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील पर न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ में सुनवाई हुई। वरिष्ठ वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी बालाजी की ओर से पैरवी कर रहे हैं। रोहतगी ने तर्क दिया कि बालाजी कई बीमारियों से पीड़ित हैं और उनके मस्तिष्क की एमआरआई रिपोर्ट चिंताजनक है। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगर बालाजी का जल्द इलाज नहीं किया गया तो उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा है।

दलीलों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बहुत गंभीर नहीं लगता है और पुरानी समस्या लगती है। ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये पुराने, पुराने मुद्दे हैं। दोनों पक्षों की संक्षिप्त दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने बालाजी की नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को कहा। 

गौरतलब है कि बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि जमानत पर रिहा करने के बाद ही उनकी स्वास्थ्य देखभाल की जा सकती है, ऐसी स्थिति नहीं दिखाई देती। उच्च न्यायालय ने कहा, बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से इतर उनके पिछले आचरण पर भी टिप्पणी की थी। उच्च न्यायालय ने कहा था, ”निश्चित रूप से, जमानत पर रिहा होने पर, वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित करेगा या उनके उत्पीड़न का कारण बनेगा।” 

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, डीएमके सरकार ने गिरफ्तारी के बाद भी बालाजी को बिना विभाग के मंत्री बनाए रखा है। उनकी वर्तमान स्थिति और उनके भाई अशोक कुमार का गायब होना मामले को गंभीर बनाता है। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान आयकर अधिकारियों पर हमले की घटना भी चिंताजनक है। बता दें कि कथित तौर पर पहले तलाशी के दौरान करूर में बालाजी के समर्थकों ने अधिकारियों को निशाना बनाया था। तमाम कारणों के आधार पर हाईकोर्ट ने बालाजी को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

बता दें कि सेंथिल बालाजी को करीब पांच महीने पहले गिरफ्तार किया था। बीते 14 जून को ईडी ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बालाजी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय खूब ड्रामा भी हुआ था। बालाजी के रोने की तस्वीरें भी वायरल हुई थी। गिरफ्तारी के बाद ईडी की गिरफ्त में ही उनका इलाज भी कराया गया। बालाजी पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन के दौरान परिवहन मंत्री भी रह चुके थे।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई की तारीख अगले महीने

सोमवार को शीर्ष अदालत में एक अन्य बड़ा मामला उत्तर प्रदेश से आया। वाराणसी के इस बहुचर्चित मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख एक दिसंबर के लिए स्थगित कर दी। इस मामले में वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित पक्षों की दलीलें सुनी जाएगी। बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में बनी ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग बरामद होने और पूजा के अधिकार को लेकर कानूनी जिरह हो रही है। मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण भी कराए गए हैं।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here