केंद्र सरकार एवं प्राइवेट सेक्टर द्वारा अपने कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा से त्योहारी बाजारों में रौनक आ गई है। इस बार दिवाली की खरीदारी में जबरदस्त वृद्धि के आसार हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि दीवाली के त्योहारी सीजन में देश में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री होगी। अगर दिल्ली के बाजारों की बात करें, तो कारोबार का यह आंकड़ा 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का रहेगा। इसमें वस्त्र, ज्वैलरी, खाद्य किराना, आटोमोबाइल सेक्टर व इलेक्ट्रॉनिक आइटम आदि शामिल हैं।
प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक, नवरात्रि से शुरू हुए दीपावली त्योहारी सीजन में दिल्ली सहित देश भर के बाजारों में ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है। इससे व्यापार जगत में उत्साह का माहौल है। करवा चौथ के पर्व के बाद दिवाली की खरीदारी के लिए ग्राहक, बाजारों का रुख करने लगे हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस वर्ष के दिवाली सीजन में देश भर के बाजारों में 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान लगाया है। अकेले दिल्ली में ही इस त्योहारी सीजन में 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की संभावना जताई गई है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा कर्मियों के लिए बोनस की घोषणा एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मियों को त्योहारों का बोनस दिया गया है। प्राइवेट सेक्टर में भी कर्मचारियों को दीपावली बोनस एवं अन्य इंसेंटिव दिए जाने से बाजार में त्योहारी सीजन की मांग में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। वहीं महीने के प्रारंभ में ही दिवाली एवं अन्य त्योहारों के आने से ग्राहकों की जेब में त्योहार पर खर्च करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धनराशि होगी। इसके माध्यम से जो खरीदी होगी, उससे बाजारों में रौनक आएगी। व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर वित्तीय तरलता आएगी।
कैट के पदाधिकारियों के मुताबिक, एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के अनुमानित त्योहारी सीजन के व्यापार में लगभग 13 फीसदी खाद्य एवं किराना में, 9 फीसदी ज्वैलरी में, 12 फीसदी वस्त्र एवं गारमेंट्स, 4 फीसदी ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3 फीसदी घर की साज सज्जा, 6 फीसदी कॉस्मेटिक्स, 8 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 फीसदी पूजन सामग्री एवं पूजा से जुड़ी वस्तुएं, 3 फीसदी बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 फीसदी कॉन्फेक्शनरी एवं बेकरी, 8 फीसदी गिफ्ट आइटम्स और 4 फीसदी फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर व्यापार में खर्च होगा। शेष 20 फीसदी ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल व खिलौनों सहित दूसरी वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए जाने का अनुमान है। पैकिंग क्षेत्र को भी दिवाली पर बड़ा व्यापार मिलेगा।