महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख नाना पटोले ने सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने की चर्चा को अफवाह करार दिया। नाना पटोले ने कहा कि हार के लिए सामूहिक जवाबदेही तय होनी चाहिए। सोमवार सुबह खबर सामने आई थी कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद नाना पटोले ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफे की चर्चा पर पटोले ने कहा कि ये सब अफवाहें हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। यह सामूहिक जवाबदेही है। मैं एक-दो दिन में राहुल गांधी से मिलूंगा और सभी मुद्दों पर चर्चा करूंगा। लोकतंत्र खत्म हो रहा है। हमने इस पर चर्चा की है। इस्तीफे की कोई बात नहीं हुई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद नाना पटोले ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे लोगों की भावनाओं को नहीं दर्शाते हैं। चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य राष्ट्रीय और राज्य के नेता महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का नेतृत्व कर रहे थे। हमें यकीन था कि रुझान महाविकास अघाड़ी के पक्ष में रहेंगे। लोगों का भी यही मानना था।
उन्होंने कहा कि नांदेड़ में लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा चुनाव एक ही दिन हुए। लोकसभा उपचुनाव में हमारे उम्मीदवार छह विधानसभा सीटों पर जीत रहे थे, जबकि विधानसभा चुनाव में हम एक भी सीट नहीं जीत सके। इतना बड़ा अंतर नहीं हो सकता। लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र में सरकार उनके वोटों से नहीं बनी है। मैंने इस बारे में मल्लिकार्जुन खरगे से बात की है।
ऐसे रहे चुनाव परिणाम
दरअसल, महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला दो प्रमुख गठबंधनों महायुति और एमवीए के बीच था। नतीजों में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा शिवसेना और एनसीपी (अजित गुट) के गठबंधन महायुति को 235 सीटें मिलीं। इसमें भाजपा को सबसे ज्यादा 132, सहयोगी शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। यह बहुमत के आंकड़े 145 से काफी ज्यादा है। दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी को 54 सीटें मिली हैं। इसमें शिवसेना (उद्धव) ने 20 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (शरद) ने 10 सीटें जीतीं।