हर महीने 100 करोड़ वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को 19 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख अब तक प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में थे. आज उनकी ईडी कस्टडी खत्म हो रही थी. इसलिए ईडी ने उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने अनिल देशमुख की कस्टडी को और 13 दिनों के लिए बढ़ा दिया.
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कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश करने से पहले अनिल देशमुख को मुंबई के जे..जे. अस्पताल में मेडिकल चेक अप के लिए ले जाया गया. दोपहर 12.30 बजे अनिल देशमुख से संबंधित केस की सुनवाई शुरू हुई. अनिल देशमुख की ओर से उनके वकील अनिल सिंह ने जमानत के लिए दलील दी. ईडी ने इसका विरोध किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुन कर अनिल देशमुख को 19 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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अनिल देशमुख सोमवार को ईडी के कार्यालय में हाजिर हुए थे. ईडी ने 12 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 6 नवंबर तक के लिए ईडी कस्टडी में भेज दिया था. आज यह कस्टडी खत्म हो गई थी. इसके बाद अब कोर्ट ने उन्हें जूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है. अब देशमुख के वकीलों द्वारा उनकी जमानत के लिए आज या कल अर्जी दे सकते हैं.
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इस बीच अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने इस मामले की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग को एक हलफनामा भेजा है. इस हलफनामें में उन्होंने कहा है कि उनके पास अनिल देशमुख के खिलाफ और कोई सबूत नहीं हैं. महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है.