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Friday, November 22, 2024

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अपने लोगो वाले बैग के लिए IKEA ने लिया शुल्क, उपभोक्ता अदालत का आदेश- ग्राहक को मुआवजा दे कंपनी

एक उपभोक्ता आयोग ने स्वीडन की फर्नीचर कंपनी आइकिया को एक ग्राहक को पैसे लौटाने आदेश दिया है। आयोग ने खरीदे गए सामान को ले जाने के लिए पेपर बैग के लिए उससे शुल्क लेने पर तीन हजार रुपये का मुआवजा देने को भी कहा है। 

आइकिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को आदेश दिया गया है कि वह ग्राहक को ब्याज के साथ 20 रुपये की राशि, हर्जाने के लिए 1,000 रुपये और मुकदमे के खर्च के लिए 2,000 रुपये का भुगतान करे। आइकिया ने जिस कैरी बैग के लिए 20 रुपये लिए थे, उस पर उसका लोगो छपा हुआ था, जिसको लेकर आयोग ने कहा कि बैग के लिए शुल्क लेना अनुचित व्यापार व्यवहार है।

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बेंगलुरु के शांतिनगर स्थित अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने आदेश में कहा, ‘हम इस बड़े मॉल/शोरूम द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा को देखकर हैरान हैं। विरोधी पक्ष (आइकिया) ने सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार किया और शिकायतकर्ता को मुआवजा दिया जाना चाहिए।

ग्राहक संगीता बोहरा ने छह अक्तूबर, 2022 को यहां आइकिया की नागासांद्रा शाखा का दौरा किया था और कुछ सामान खरीदा था। उन्होंने सामान ले जाने के लिए एक बैग मांगा और इसके लिए उनसे 20 रुपये लिए गए, जबकि उस पर स्टोर का लोगो था। 

उन्होंने यह दावा करते हुए उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया था कि यह सेवा की कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार है। आइकिया ने दलील दी कि वह ऐसे सामानों की बिक्री में शामिल नहीं है, जो शुल्क छिपाते हैं या अपने उपभोक्ताओं से जानकारी छिपाने में शामिल होते हैं या ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होते हैं जिसे भरोसे का उल्लंघन या अनुचित व्यापार व्यवहार माना जा सकता है। 

पेपर बैग सहित इसके सभी उत्पादों से संबंधित जानकारी इसके स्टोर के विभिन्न गलियारों पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाती है और बिलिंग के समय खरीदारों को स्वचालित रूप से (ऑटोमैटिकेली) या संदिग्ध रूप से (सस्पिशसली) नहीं जोड़ा जाता है। 

आयोग के अध्यक्ष बी एन अरायनप्पा और सदस्य ज्योति एन और शरावती एस एम ने अपने फैसले में इस दलील को खारिज कर दिया और कहा, ‘माननीय राज्य आयोग ने यह माना है कि माल को वितरण योग्य स्थिति में लाने के लिए किए गए सभी प्रकार के खर्च विक्रेता द्वारा वहन किए जाएंगे। इस तरह, उठाया गया विवाद स्वीकृति के योग्य नहीं है।’ आयोग ने कहा कि उपभोक्ताओं को अपना बैग ले जाने की भी अनुमति नहीं है।

हालिया फैसले में कहा गया है, ‘अगर कोई उपभोक्ता विभिन्न दुकानों से करीब 15 सामान खरीदना चाहता है तो हम उससे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह इसके लिए घर से 15 कैरी बैग लेकर जाए।’ आइकिया को आदेश प्राप्त होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर आदेश का पालन करने को कहा गया है।

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