आरजी कर केस में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों की मदद के लिए राज्य को लोग आगे आ रहे हैं। बता दें कि डॉक्टरों के धरना वाली जगह पर खाट, चादर और रेनकोट से लेकर बड़े छाते और भोजन के पैकेट तक, आंदोलनकारियों के पास आम लोगों की ओर से दी गई वस्तुओं की बाढ़ आ गई है।
डॉक्टरों के साथ अन्य लोगों को दी जा रही मदद
एक प्रैक्टिसिंग फिजीशियन और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व छात्र अर्पण मैती बताया कि शनिवार दोपहर 2 बजे तक, लोगों को 3,000 भोजन के पैकेट मुफ्त में दिए गए हैं, ये न केवल प्रदर्शनकारियों को बल्कि स्थानीय फेरीवालों, रिक्शा-चालकों, ऑटोरिक्शा चालकों, पत्रकारों और आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मौके पर आए अन्य लोगों को भी है।
बता दें कि कई प्रदर्शनकारी डॉक्टर राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के पास एक अस्थायी काउंटर पर खाद्य सामग्री, कपड़े, रेनकोट, छाते और अन्य सामग्री इकट्ठा करने में व्यस्त थे, जहां पिछले पांच दिनों से हजारों चिकित्सक धरना दे रहे हैं।
समर्थन के लिए पहुंच रहे लोगों मिल रहा खाना-पानी
जानकारी के मुताबिक शनिवार को दोपहर 1.30 बजे तक उन्होंने लोगों के बीच लगभग 600 शाकाहारी भोजन के पैकेट वितरित किए थे। वहीं एक सामाजिक कार्यकर्ता प्राजक्ता ने एक व्यक्ति से पूछते हुए कहा- कृपया संकोच न करें, बताएं कि आपको क्या चाहिए, हमने आपके लिए ये सभी पैकेट तैयार किए हैं। यदि आप केक या अन्य जलपान चाहते हैं, तो वह भी उपलब्ध है।
वहीं एक टैक्सी चालक को गाड़ी से खाने का सैकड़ों पैकेट उतारते हुए देखा गया, जबकि एक अन्य वाहन में तीन लोग फोल्डिंग खाट लेकर आते हुए देखे गए। टैक्सी चालक ने बताया, कि एक शुभचिंतक, जो सोदेपुर में एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शिक्षिका है, ने ये 400 भोजन के पैकेट भेजे हैं, लेकिन उसने खुद की पहचान नहीं बताई है।
अभय क्लिनिक में हजारों लोगों का किया गया इलाज
घटनास्थल पर मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए ‘अभय’ क्लिनिक के जूनियर डॉक्टर दिव्येंदु बनर्जी ने बताया कि अब तक पुलिसकर्मियों समेत 350 लोगों का इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा, लोग जांच और इलाज के लिए आ रहे हैं और पांच चिकित्सकों की हमारी टीम सभी का इलाज कर रही है और जरूरत पड़ने पर मुफ्त दवा भी दे रही है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों से लेकर फेरीवालों के परिवारों और अन्य स्थानीय लोगों तक – आरजी कर अस्पताल की बलात्कार-हत्या पीड़िता की याद में बनाए गए क्लिनिक में सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी हुई है। दिव्येंदु बनर्जी ने कहा, हमने तीन दिन पहले क्लिनिक खोला था। हर दिन 500 से अधिक लोग क्लिनिक में आ रहे हैं। बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स फोरम इस आंदोलन की अगुआई कर रहा है और चिकित्सक के लिए न्याय और घटना को लेकर कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे की मांग कर रहा है।