आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

आजम खान से जेल में शिवपाल ने की मुलाकात

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में दो साल से बंद सपा विधायक आजम खान से मिलने के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव जेल पहुंचे हैं. आजम खान से शिवपाल मुलाकात कर रहे हैं और उनसे राज-काज की बातें जान रहे हैं.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब आजम खान खेमे से अखिलेश यादव के खिलाफ नाराजगी के सुर उठ रहे हैं तो शिवपाल यादव पहले से ही अखिलेश के खिलाफ बागी रुख अख्तियार कर रखे हैं.

बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बुधवार को रामपुर जाकर आजम खान परिवार से मुलाकात की थी. इस दौरान जयंत ने आजम खान के परिवार से अपना परिवारिक रिश्ता बताया था. वहीं, अब सपा से नाराज चल रहे शिवपाल यादव सपा के मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले आजम खान से मिलने सीतापुर जेल पहुंचे हैं. हालांकि, शिवपाल ने गुरुवार को ही आजतक से बातचीत में आजम खान से मिलने की बात कही थी.

शिवपाल ने कहा था कि आजम खान से जेल मिलने जाएंगे, क्योंकि बीजेपी सरकार में उनका उत्पीड़न हो रहा है और उन पर झूठे केस लादे जा रहे हैं. हालांकि, बीजेपी को लेकर अभी भी शिवपाल यादव का सॉफ्ट कॉर्नर दिखाई दे रहा है, लेकिन आजम खान हर हाल में वह समाजवादी पार्टी का पीड़ित दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे.

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

शिवपाल यादव और आजम समर्थक अखिलेश यादव के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. ऐसे में आजम खान समाजवादी पार्टी के भीतर अखिलेश विरोध का केंद्र बनते जा रहे हैं और शिवपाल यादव उसे और भी हवा देने में जुटे हैं. शिवपाल यादव ने आजतक से कहा था कि अगर अखिलेश यादव समझते हैं कि मैं बीजेपी के साथ हैं तो वो हमें पार्टी से बाहर कर सकते हैं और जितनी जल्दी बाहर कर दें.

बता दें कि आजम खान पर करीब 80 मुकदमे अभी भी चल रहे हैं. पिछले दो सालों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव महज एक बार ही आजम खान से मिलने जेल गए हैं, जिसके चलते आजम समर्थक सपा से नाराज हैं. ऐसे में शिवपाल यादव जेल में आजम खान से मिले हैं.

सपा में एक समय शिवपाल यादव की तूती बोलती थी. मुलायम सिंह यादव के दौर में सपा में शिवपाल यादव का वर्चस्व कायम था. वहीं, आजम खान सपा के मुस्लिम चेहरा हुआ करते थे और पार्टी में उनकी हैसियत नंबर दो की थी. इस तरह से शिवपाल और आजम खान दोनों ही सपा के कद्दावर नेता माने जाते थे, लेकिन अखिलेश यादव भी सपा की कमान संभालकर खुद को मुलायम सिंह के सियासी वारिस के तौर स्थापित कर चुके हैं.

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने के बाद सफल नहीं रहे, लेकिन 2022 में विधायक बनने के बाद से फिर से बागी रुख अपनाए हुए हैं. ऐसे ही आजम खान के समर्थक भी नाराज चल रहे हैं. ऐसे में शिवपाल यादव जेल में आजम खान से मिलकर भविष्य के सियासी रणनीति पर कदम बढ़ा सकते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि अखिलेश यादव अपने दोनों ही नेताओं को लेकर किसी तरह की कोई चिंता और परवाह नहीं कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि आजम खान के करीबी नेता शिवपाल यादव के संपर्क में हैं. ऐसे में आने वाले समय में दोनों नेता एक खेमे में आ सकते हैं. वहीं, लंबे समय से चुनौतियों से जूझ रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए यह अलग तरह का संकट है. सपा और अखिलेश यादव के लिए चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि शिवपाल सिंह यादव और आजम खान दोनों ही नेताओं का अच्छा प्रभाव उस ‘मुस्लिम-यादव’ वोट बैंक पर माना जाता है. ‘एमवाई’ फैक्टर सपा की साइकिल का सबसे बड़ा सहारा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version