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इज़राइली फिल्मकार ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बताया प्रोपेगंडा फिल्म, बढ़ा विवाद

53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के जूरी प्रमुख और इज़राइली फिल्मकार नदाव लैपिड ने हिंदी फिल्म ‘ द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दुष्प्रचार करने वाली‘ और ‘वल्गर’ फिल्म बताया. गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए नदाव लैपिड ने कहा था कि फिल्म समारोह में इस फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से वह ‘परेशान और हैरान’ हैं.

नदाव लैपिड ने कहा, “मैं इस भावना को आपके साथ खुले तौर पर साझा करने में सहज महसूस कर रहा हूं, क्योंकि महोत्सव की भावना वास्तव में आलोचनात्मक चर्चा को स्वीकार कर सकती है जो कला और जीवन के लिए जरूरी है.” ‘द कश्मीर फाइल्स’ 90 के दशक में उग्रवाद के चरम पर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. भाजपा नेताओं द्वारा प्रचारित फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही, लेकिन इसे सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के आरोपों का सामना करना पड़ा.

अब इस ताजा विवाद के बीच, आईएफएफआई जूरी बोर्ड ने आज एक बयान जारी कर कहा कि जूरी प्रमुख और इजराइली फिल्म निर्माता नदाव लैपिड ने फिल्म के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह उनकी “व्यक्तिगत राय” है. बोर्ड ने कहा, “जूरी बोर्ड की आधिकारिक प्रस्तुति में महोत्सव निदेशक और आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जहां हम 4 जूरी मौजूद थे और प्रेस के साथ बातचीत की, हमने कभी भी अपनी पसंद या नापसंद के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया. दोनों ही हमारी आधिकारिक सामूहिक राय थी.”

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