बिटकॉइन पोंजी स्कीम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की। जिसमें एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई के दौरान तीन लक्जरी कारें, कुछ ज्वेलरी को भी जब्त किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कंपनी और उसके प्रमोटरों सिम्पी भारद्वाज, अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और कई एमएलएम (मल्टी-लेवल मार्केटिंग) एजेंटों के खिलाफ महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए मामलों से सामने आया है।
जारी एक बयान में कहा गया कि सिम्पी भारद्वाज उर्फ सिम्पी गौड़ को 17 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था और अगले दिन मुंबई में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के सामने पेश किए जाने के बाद कोर्ट ने उन्हें 26 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। जांच वेरिएबल पीटीई लिमिटेड और अन्य कंपनी के खिलाफ है और इसे ‘गेन बिटकॉइन पोंजी स्कीम’ के नाम से जाना जाता है। आरोप है कि निवेश के नाम पर जनता से बिटकॉइन के रूप में लगभग 6,600 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे।
आरोपी ने निवेशकों को भारी रिटर्न देने का वादा किया था- ईडी
ईडी ने कहा कि सिम्पी भारद्वाज ने अपने पति अजय भारद्वाज और अन्य एजेंटों के साथ मिलकर निवेश पर भारी रिटर्न का वादा करने धोखाधड़ी की है। ईडी ने आरोप लगाया कि धोखाधड़ी में लूटे गए रुपये को कई विदेशी कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया। जिसके जरिए उन्होंने विदेश में संपत्तियों को खरीदा था। सिम्पी भारद्वाज मनी लॉन्ड्रिंग में कथित रूप से शामिल थी।
ईडी ने लग्जरी कारें-ज्वेलरी की जब्त
ईडी की छापेमारी के दौरान एक मर्सिडीज और एक ऑडी सहित तीन लग्जरी कारों को जब्त किया गया है। साथ ही कई ज्वेलरी को भी जब्त किया गया है। मामले में अबतक 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। ईडी के मुताबिक अब तक मुख्य आरोपी अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज कानून की गिरफ्त से बाहर हैं।