अहमदाबाद : इंग्लैंड के खिलाफ चाैथे टेस्ट में भारत ने पहली पारी में 7 विकेट खोकर 294 रन बनाते हुए 89 रनों की मजबूत बढ़त हासिल कर ली है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब टीम 200 स्कोर के अंदर ढेर होती हुई दिख रही थी, लेकिन मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने आए ऋषभ पंत ने सारा खेल बदलकर रख दिया। पंत ने तूफानी पारी खेल सबका दिल जीत लिया। उन्होंने 118 गेंदों में 101 रनों की पारी खेली, जिसमें उन्होंने 13 चौके और 2 छक्के लगाए। हालांकि अहमदाबाद की पिच पर रन बनाना आसान नहीं था। वहीं शतकीय पारी खेलने के बाद पंत ने कहा कि वह अपने लिए नहीं, बल्कि टीम के लिए खेलते हैं।
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पंत ने कहा, ” मुझे खुशी है कि मैंने टीम के लिए एक अहम पारी खेली है। मैं हमेशा ही सोचता हूं कि टीम के लिए मेरा योगदान काम आए मुझे निजी रिकॉर्ड से कोई मतलब नहीं है।” पंत से जब सवाल किया गया कि आपकी क्या मानसिकता थी जब आप खेलने के लिए मैदान पर उतरे। पंत ने कहा, ”मैं रोहित के साथ साझेदारी बनाने की योजना बना रहा था, तो मेरे दिमाग में यही बात थी। मैं सोच रहा था कि मैं पिच का आकलन करूंगा और फिर अपने शॉट्स खेलूंगा। अगर गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं तो उसका सम्मान करें और सिंगल लें और यही मेरे दिमाग में था।”
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23 वर्षीय वाशिंगटन सुंदर के साथ 7वें विकेट के लिए 113 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई, जिसने अपना तीसरा टेस्ट अर्धशतक बनाया। पंत ने इस पर कहा, “मुझे मुश्किल स्थिति खेलना पसंद है और मैं सिर्फ गेंद देखता हूं और प्रतिक्रिया देता हूं। यह मेरे खेल की नीति है। टीम की योजना इंग्लैंड के 206 रनों के पार पहुंचाने की थी, और फिर अधिक से अधिक रन हासिल करने की थी। उसके बाद हमें रिवर्स-फ्लिक्स खेलने थे, लेकिन अगर भाग्य आपके रास्ते पर जा रहा है तो आप रिस्क ले सकते हैं।” पंत ने कहा, “मुझे खुला खेलने का लाइसेंस मिला है, लेकिन मुझे स्थिति का आकलन करना होगा और खेल को आगे बढ़ाना होगा। मैं बस टीम को जिताना चाहता हूं और अगर भीड़ का मनोरंजन होता है, तो मुझे खुशी है।”
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