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Monday, November 18, 2024

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केंद्र हैकरों के निशाने पर, सेंध लगाने की कोशिश इस लिंक के जरिए रक्षा मंत्रालय की फाइलों में

केंद्र सरकार में साइबर अटैक (Cyber Attack) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। विदेशी हैकरों द्वारा दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ई-हॉस्पिटल सर्वर पर बड़ा साइबर किया गया। गत माह नई दिल्ली में आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग) के लिए तैयार केंद्रीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट में भी सेंध लगाने की कोशिश हुई थी। उसके बाद कई दूसरे मंत्रालयों में हैकरों ने डाटा चुराने का प्रयास किया। बुधवार को रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के पास राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के नाम से ईमेल भेजी गई हैं। उसमें एक लिंक भी अटैच था। बाद में पता चला कि एनआईसी द्वारा ऐसी कोई मेल नहीं भेजी गई है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) की मदद से ऐसे लिंक्स को ब्लॉक किया जाएगा।

सीईआरटी-एनआईसी का दिया गया हवाला

केंद्रीय सचिवालय सेवा फोरम के अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए इसे लेकर अपने ट्विटर पर लिखा था। रक्षा मंत्रालय में कार्यरत एक अधिकारी के पास ईमेल आई थी। उसमें लिखा था कि पिछले दिनों कई जगहों पर साइबर अटैक की कोशिश हुई है। जहां से ये मेल आई थी, उसमें डायरेक्टर (आईटी सिक्योरिटी) सीईआरटी-एनआईसी का हवाला देकर कहा गया कि वे आपके प्रोफाइल को वेरिफाई करना चाहते हैं। यह अकाउंट 23 दिसंबर से पहले वेरिफाई कराना होगा। ईमेल के नीचे वह लिंक दिया गया था, जिस पर मेल अकाउंट को वेरिफाई करना था। सीएसएस अधिकारियों ने अपनी सजगता का परिचय देते हुए इस सूचना को अपने ट्विटर पर डाल दिया। उसमें एनआईसी को टैग किया गया था। एनआईसी ने तुरंत इस मामले में संज्ञान लिया। ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, ये एक दुर्भावनापूर्ण लिंक हैं। इसे एनआईसी द्वारा नहीं भेजा गया है। इस लिंक पर क्लिक न करें। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) की मदद से इस दुर्भावनापूर्ण लिंक को ब्लॉक करने की प्रकिया शुरू की जा रही है।

साइबर क्राइम सेक्शन की ओर से आया ये लिंक

इसके अलावा ‘क्राइम डिवीजन एनआईए हेडक्वार्टर’ के नाम से भी ईमेल आ रही हैं। इसमें सब्जेक्ट के तौर पर साइबर क्राइम सेक्शन ‘सूचना विज्ञान केंद्र’ लिखा गया है। इसमें अकाउंट डी-एक्टिवेशन की रिक्वेस्ट भेजी गई थी। साथ ही इसमें लिखा था कि अगर आपने इस गतिविधि के लिए रिक्वेस्ट नहीं भेजी है, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। भारत में ‘नो मनी फॉर टेरर’ की वेबसाइट https://nmftindia.gov.in/ पर साइबर अटैक रोकने के लिए खास प्रयास किए गए थे। हैकर्स की लगातार कोशिशों के बावजूद ‘एनएमएफटी’ में सेंध नहीं लग सकी। वजह, एनआईए ने वेबसाइट की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा सिस्टम तैयार किया। वेबसाइट तैयार होने के दौरान और उसके बाद साइबर अटैक का प्रयास किया गया था। बहुत कम अंतराल पर वेबसाइट के सिक्योरिटी सिस्टम को अपडेट किया जा रहा था। एम्स के सर्वर पर अटैक होने के बाद केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और ‘स्वच्छ भारत’ का ट्विटर भी साइबर हमले का शिकार हो गया था। दोनों विभागों के ट्विटर पर कई घंटे तक क्रिप्टो और सू वॉलेट ‘ज्वाइन टेस्ट नेट गैट एयरड्रॉप’ के मैसेज की भरमार लग गई थी।

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