कोलकाता के एक दस वर्षीय बच्ची में इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में चाइनीज निमोनिया का एक दुर्लभ प्रकार, माइकोप्लाज्मा निमोनिया पाया गया है। दक्षिण कोलकाता के बांसद्रोणी में रहने वाली इस बच्ची को सांस लेने में समस्या, बुखार और खांसी की शिकायत होने के बाद, 25 दिसंबर को पार्क सर्कस अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच के दौरान डॉक्टरों ने इस बच्ची में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का पता लगाया है।
माइकोप्लाज्मा निमोनिया को चीनी निमोनिया या चाइनीज निमोनिया भी कहा जाता है, क्योंकि पिछले साल चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के कारण सांस में दिक्कत होने के कई मामले देखे गए थे। एम्स-दिल्ली के डॉक्टरों ने पिछले हफ्ते करीब सात मरीजों में इस संक्रमण की रिपोर्ट मिली, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल थे।
बता दें कि ‘माइकोप्लाज्मा निमोनिया’ बैक्टीरिया है जिससे मुख्य रूप से श्वसन प्रणाली पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, चीन के बाहर, अमेरिका और अन्य कई देशों में भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया के संक्रमण की रिपोर्ट आई है।
बच्ची पर हो रहे इलाज का प्रभाव कोलकाता के अस्पताल में बच्ची पर हो रहे इलाज का प्रभाव दिखा रहा है। अस्पताल के चिकित्सा प्रमुख जयदेब दे ने कहा, ‘दवाओं के प्रभाव से बच्ची में सुधार देखा जा रहा है। उसे अब तक कोई भी और समस्या नहीं हुई है।’ बच्ची के एक्स-रे में डॉक्टरों ने बताया है कि इस संक्रमण ने बच्ची के फेफड़ों को प्रभावित किया है।