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Friday, November 22, 2024

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तुरुप का पत्ता गैंगस्टर दाऊद के रिश्तेदारों की गवाही बनी, गुटखा कारोबारी को डी-कंपनी मामले में मिली सजा

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को वैश्विक आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के तीन रिश्तेदारों की गवाही के आधार पर एक गुटखा कारोबारी और डी-कंपनी के दो सदस्यों को एक संगठित अपराध मामले में दोषी ठहराने में मदद मिली। एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। 

मुंबई में विशेष सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश बीडी शेल्के ने सोमवार (नौ जनवरी) को गोवा गुटका कंपनी के मालिक जेएम जोशी तथा डी-कंपनी गिरोह के सदस्यों जमीरुद्दीन गुलाम रसूल अंसारी और फारुख मंसूरी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दोषी करार दिया। दोषियों को पाकिस्तान में गुटखा बनाने के लिए दाऊद का संयंत्र स्थापित करने में मदद करने के लिए 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

बड़ी गुटखा कंपनी के मालिक जोशी और रसिकलाल माणिकचंद धारीवाल (अब मृतक सह-आरोपी) के बीच वित्तीय विवाद चल रहा था, दोनों ने इसे सुलझाने के लिए दाऊद इब्राहिम की मदद मांगी थी। 1993 के मुंबई धमाकों के मुख्य साजिशकर्ता गैंगस्टर दाऊद ने बदले में अपने संगठित आपराधिक गिरोह के लिए राजस्व का एक नया स्रोत खोलने के लिए पाकिस्तान में गुटखा निर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए उनकी सहायता मांगी।

सीबीआई ने मामले में गहन जांच के बाद 2005 में चार्जशीट दाखिल की। जांच के दौरान अधिकारियों ने दाऊद इब्राहिम के तीन रिश्तेदारों से पूछताछ की, जिन्होंने दोषियों और दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के संचालन और मौद्रिक आदान-प्रदान के बीच संबंधों को उजागर किया।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 44 गवाह पेश किए, जिनमें दाऊद की पत्नी महजबीन के चाचा सलीम इब्राहिम शेख और सऊद यूसुफ तुंगेतकर और अनीस इब्राहिम उर्फ छोटा सेठ और दाऊद इब्राहिम के बहनोई शमीम इल्तेफत कुरैशी शामिल थे। अधिकारियों ने कहा कि चार्जशीट किए गए आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए दाऊद के रिश्तेदारों के बयान तुरुप का पत्ता साबित हुए।

ट्रायल के दौरान अपने बयान पर कायम रहा शेख
सीबीआई के मुताबिक, शेख ने जांच अधिकारी को दिए अपने बयान में बताया कि कैसे जमीरुद्दीन गुलाम रसूल अंसारी ने अनीस इब्राहिम के निर्देश पर उसे मशीनरी के पुर्जे कराची ले जाने के लिए मजबूर किया था। साथ ही वह सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने और बाद में जांच के दौरान अपने बयान पर कायम रहा। अधिकारियों ने बताया कि शेख वर्ष 2004 में अपनी पत्नी के बीमार रिश्तेदार से मिलने कराची गया था। इस दौरान वह क्लिफ्टन इलाके में दाऊद इब्राहिम के आवास पर रुका था। तब अंसारी ने उससे दो थैले उठाने को कहा था।

विशेष न्यायाधीश शेल्के ने कहा कि शेख से हुई जिरह से यह पता चलता है कि अभियुक्त अंसारी द्वारा सौंपे गए मशीनरी के पुर्जों को ले जाने के संबंध में उसका सबूत उसकी जिरह में अडिग रहा। विशेष न्यायाधीश ने अपनी टिप्पणी में कहा कि शेख दाऊद इब्राहिम और अनीस इब्राहिम का रिश्तेदार है और उसके पास उनके खिलाफ गवाही देने का कोई कारण नहीं था। न्यायाधीश ने गौर किया कि गवाह शेख के मुंह से निकले सबूत आरोपी दाऊद इब्राहिम और अनीस इब्राहिम के नेतृत्व वाले संगठित अपराध सिंडिकेट के सक्रिय सदस्य के रूप में आरोपी अंसारी की संलिप्तता के संबंध में अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन करते हैं।

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