सीबीआई (CBI) अदालत ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की जमानत याचिका खारिज कर दी। पार्थ चटर्जी को जांच एजेंसी ने स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था और अब उनकी न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी।
सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने केंद्रीय जांच एजेंसी से मामले की जांच में तेजी लाने को भी कहा। वहीं चटर्जी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए, सीबीआई के वकील ने दावा किया कि धन का पता लगाने के लिए जांच जारी है। एजेंसी ने कहा कि जमानत पर बाहर आकर चटर्जी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है।
चटर्जी के वकीलों ने अदालत के सामने कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया था और पांच सदस्यीय समिति के दिन-प्रतिदिन के कामकाज की जानकारी नहीं थी, जिसे कक्षा नौ और दस के लिए शिक्षकों की भर्ती के लिए 2016 के पैनल की नियुक्ति प्रक्रिया की निगरानी के लिए स्थापित किया गया था।
चटर्जी को उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से भारी मात्रा में नकदी, आभूषण और संपत्ति के कागजात जब्त किए जाने के बाद 23 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। अदालत के आदेश पर उन्हें 16 सितंबर को सीबीआई की हिरासत में ले लिया गया था।