म्यांमार की अपदस्थ नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को सोमवार को 6 साल की और सजा सुना दी गई। पहले से उन्हें चार साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के बाद 77 साल की सू की के समर्थकों में गुस्सा भड़क सकता है। मामले के जानकारों के मुताबिक जेल परिसर की ही एक अदालत ने उन्हें एक चैरिटी के नाम पर भ्रष्टाचार करने के मामले का दोषी पाया है।
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म्यांमार में तख्तापलट के बाद यह चौथी बार है जब सू की को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। उन्हें अब तक कुल 17 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। मैंडले इलाके के हाई कोर्ट के जज मिंट सान ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सूकी की वजह से 13 मिलियन डॉलर का नुकसान देश को हुआ है। आरोप है कि उन्होंने डॉ खिन की नाम के फाउंडेशन का हेडक्वार्टर बनवाने के लिए जिस जमीन का पट्टा किया गया उसे काफी कम कीमत में दे दिया गया जबकि इंटरनल रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इसकी कीमत ज्यादा तय की थी।
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जुंटा ने सू की पर आरोप लगया है कि उन्होंने राजधानी में अपना घर बनाने के लिए पब्लिक डोनेशना का दुरुपयोग किया। इसके अलावा कारोबारियों से घूस ली। यह घूस उनकी चैरिटी में दान के रूप में ली गई। सू की ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा कि वह बेकसूर हैं।
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इन्हीं आरोपों में सू की के दो और सहयोगियों को भी तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई है। पहले सू की को इसी कोर्ट ने बिना लाइसेंस के वॉकी-टॉकी के इंपोर्ट, कोविड रूल तोड़ने और सेना के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में 11 साल की सजा सुनाई थी। बता दें कि सूकी के वकीलों पर मीडिया से बात करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।