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शिवसेना के प्राण हैं हिंदुत्व व मराठी प्रथम के मुद्दे बोले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

शिवसेना किसी भी हालत में सत्ता के लिए लाचार नहीं

मुंबई – उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना के प्राण हैं हिंदुत्व व मराठी प्रथम के मुद्दे । शिवसेना इन दोनों मुद्दों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ सकती है। उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी भी हालत में सत्ता के लिए लाचार नहीं रही है, लेकिन सत्ता के लिए राजनीति का गिरता स्तर चिंताजनक है।

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शिवसेना के प्राण हैं

शिवसेना अध्यक्ष व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शनिवार को शिवसेना के 55वें स्थापना दिवस पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना की स्थापना के समय मुंबई में मराठी भाषियों की स्थिति खराब थी।

शिवसेना प्रमुख ने मराठी भाषियों के लिए अपार मेहनत की और उन्हें उनका हक दिलाने का प्रयास किया। उस समय शिवसेना प्रमुख पर प्रांतीयता की राजनीति करने का भी आरोप लगा, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। इसका कारण मराठी भाषियों को न्याय दिलाना ही शिवसेना की सांस है।

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“गर्व से कहो हम हिंदू हैं”

इसी प्रकार जब देश में लोग हिंदुत्व नाम से डरते थे, उस समय शिवसेना प्रमुख ने “गर्व से कहो हम हिंदू हैं” का नारा दिया था। इस तरह मराठी भाषियों को न्याय दिलाना और हिदुत्व दोनों शिवसेना की सांस हैं, प्राण हैं। इनके बिना शिवसेना नहीं रह सकती। वंदे मातरम क्रांति का मूलमंत्र है। 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि सत्ता के लिए सभी राजनीतिक दल निचले स्तर तक गिर गए हैं। लेकिन शिवसेना कभी सत्ता को केंद्रविंदू मानकर काम नहीं करती है। मुझे तो कभी सत्ता की चाहत ही नहीं थी,लेकिन स्थितियां ऐसी बनीं,कि सत्ता को चुनौती के रूप में स्वीकार करना पड़ा। सभी दल स्वबल की बात करते हैं, ताकत पैदा कर सत्ता ले लें, किसने रोका है। 

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आघाड़ी सरकार के काम से लोगों के पेट में दर्द

उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना जैसे संकटकाल में महाविकास आघाड़ी सरकार ने जो काम किया है, इससे कुछ लोगों को पेटदर्द होने लगा है और अनायास आरोप पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग उनकी सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं,उन्हें खुद का चेहरा देखना चाहिए।

उनपर कई आरोप लगे हुए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी आरोप-प्रत्यारोप की बजाय राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने का प्रयास राजनीतिक दलों को करना चाहिए। कोरोना की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति संकट में हैं, उनका प्रयास राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने का ही है।   

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