शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को काली मां के विवादित पोस्टर की आलोचना की। बता दें कि इस डॉक्यूमेंट्री में मां काली के पोस्टर में देवी को धूम्रपान करते दिखाया गया है। शिवसेना सांसद ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवताओं के लिए आरक्षित नहीं हो सकती है।
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शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंदू देवी-देवताओं के लिए आरक्षित नहीं हो सकती है, जबकि बाकी के लिए धार्मिक संवेदनाओं के इर्द-गिर्द झुकना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मैं मां काली पर फिल्म के पोस्टर से आहत हूं, सभी धर्मों के लिए सम्मान होना चाहिए।”
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गौरतलब है कि डॉक्यूमेंट्री मां काली में देवी को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू झंडा पकड़े हुए दिखाया गया है, जिससे विवाद शुरू हो गया है। फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में देश के कुछ हिस्सों में फिल्ममेकर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
मदुरै में जन्मे फिल्म निर्माता ने शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर काली डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर साझा किया था और कहा था कि यह फिल्म टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में ‘रिदम्स ऑफ कनाडा’ सेगमेंट का हिस्सा है।
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‘मांस खाने वाली देवी’
इससे पहले दिन में, काली पोस्टर विवाद के बारे में बोलते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि काली उनके लिए मांस खाने वाली, शराब स्वीकार करने वाली देवी है। उनके बयान पर टीएमसी ने पल्ला झाड़ दिया है। साथ ही पश्चिम बंगाल भाजपा ने सीएम ममता बनर्जी पर सांसद के खिलाफ ऐक्शन लेने की मांग की है।