ओडिशा के कटक जिले की एक अदालत ने जनवरी 2021 में दो भाजपा नेताओं की हत्या के मामले में प्रथम दृष्टया पाया कि सत्तारूढ़ बीजद विधायक प्रताप कुमार जेना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला बनता है। जेना महांगा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
सालेपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अदालत ने सोमवार को शिकायत, गवाहों और रिकॉर्ड पर अन्य उपलब्ध सामग्रियों के बयानों को देखने के बाद मामले का संज्ञान लिया। अदालत ने इस संबंध में विधायक की विरोध याचिका पर भी गौर किया। चूंकि विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राज्य में विशेष अदालतें स्थापित की गई हैं, इसलिए सालेपुर जेएमएफसी अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए भुवनेश्वर की विशेष अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत में स्थानांतरित कर दिया।
हत्या मामले में आठ लोगों को किया गया था नामजद, एक की हो चुकी मौत
स्थानीय भाजपा नेताओं- महंगा ब्लॉक अध्यक्ष कुलमणि बराल (82) और उनके सहयोगी दिव्यसिंह बराल (75) की हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने स्थानीय सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के भ्रष्ट आचरण को उजागर किया था, जो राज्य के तत्कालीन कानून मंत्री थे। कुलमणि के बेटे की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जेना सहित आठ लोगों को नामजद किया गया था। इस मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी प्रफुल्ल बिस्वाल को राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक भारी वाहन ने कुचल दिया था, जिसके बाद वह रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था।
जेना के खिलाफ धारा 302, 506 और 120-बी के तहत दर्ज किया गया मामला
बीजद के वरिष्ठ नेता जेना (58) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 506 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानांतरण के बाद भुवनेश्वर की विशेष अदालत कानून के अनुसार मामले की सुनवाई करेगी। जेना ने भुवनेश्वर में मीडिया को दिए एक बयान में आरोप लगाया कि उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से रचे गए हैं। वे महांगा क्षेत्र के विकास के प्रति असहिष्णु हैं और झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं, जिसे ट्रूथ सीरम टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वियों से भी परीक्षण के लिए आगे आने का आह्वान करता हूं।”