अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के बाहर बनने वाली सभी फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की घोषणा करके एक और बड़ा आर्थिक कदम उठाया है। ट्रंप ने इस फैसले के पीछे तर्क दिया है कि विदेशी कंपनियों द्वारा अमेरिकी फिल्म उद्योग को “चोरी” किया गया है, ठीक वैसे ही “जैसे बच्चे से कैंडी चोरी करना।” यह घोषणा भारत सहित दुनिया के कई देशों के फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर को भी अक्षम बताया और कहा कि इसी कारण यह राज्य (हॉलीवुड का केंद्र) सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस समस्या का समाधान करने के लिए अब विदेशी फिल्मों पर यह भारी-भरकम शुल्क लगाया जाएगा।
इस घोषणा का असर हॉलीवुड और वैश्विक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर तुरंत दिखाई दिया है। प्री-मार्केट ट्रेडिंग में नेटफ्लिक्स और वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी जैसी एंटरटेनमेंट कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों का मानना है कि 100 प्रतिशत टैरिफ़ के कारण अमेरिकी सिनेमाघरों में विदेशी फिल्मों की लागत दोगुनी हो सकती है, जिससे दर्शकों को उच्च कीमत चुकानी पड़ेगी। यह नीति वैश्विक वितरण नेटवर्क को प्रभावित करेगी और हॉलीवुड निर्माताओं को विदेशी फिल्मों की बिक्री और साझेदारी पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकती है।
इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन और अन्य देशों से हुए नुकसान को देखते हुए अमेरिकी फर्नीचर उद्योग को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से भी विदेशी देशों पर भारी टैरिफ़ लगाने की बात कही है। यह नया टैरिफ़ बम अमेरिकी फिल्म उद्योग को घरेलू स्तर पर बढ़ावा देने और वैश्विक व्यापार संबंधों को नया रूप देने की ट्रंप की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।