भारतवंशी ऋषि सुनक की ताजपोशी ने भारतीयों का दुनियाभर में एक बार डंका बजाया है। सुनक ब्रिटेन के इतिहास में पहले अश्वेत व्यक्ति हैं जो देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं। इस मौके पर भारत में सियासी दंगल शुरू हो गया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि यूके ने अल्पसंक्यक को पीएम चुन लिया है। फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों में फंसे हैं। उनके बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है।
भारत पर 200 साल तक राज करने वाली अंग्रेजी हुकूमत पर भारतवंशी ने दिवाली के दिन झंडा गाड़ा। ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए पीएम चुने गए हैं। उनकी ताजपोशी को लेकर दुनियाभर के नेताओं ने बधाई दी है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनक को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि भारत और ब्रिटेन के संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
इस बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुनक की ताजपोशी के बहाने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, “गर्व का क्षण है कि यूके का पहला भारतीय मूल का पीएम होगा। यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक जातीय अल्पसंख्यक सदस्य को अपने प्रधान मंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है। फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से बंधे हैं।”
रविशंकर प्रसाद का पलटवार
महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है। उन्होंने भी ट्वीट किया और कहा, “ऋषि सुनक के यूके के पीएम के रूप में चुने जाने के बाद भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ्ती का ट्वीट देखा। महबूबा मुफ्ती जी! क्या आप जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगी? कृपया उत्तर दें।”