ज़ायोनी शासन ने अपने अपराधों की लंबी सूची को और लंबा करते हुए ग़ज़्ज़ा पट्टी पर जुनूनी हमले किए जिसमें जेहादे इस्लामी संगठन के तीन कमांडरों सहित 13 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए।
इस्राईली हमले में शहीद होने वालों में 4 बच्चे और 6 महिलाएं शामिल थीं जबकि जेहादे इस्लामी की सैनिक शाखा क़ुद्स ब्रिगेड के तीन कमांडर भी इस हमले में शहीद हुए हैं।
फ़िलिस्तीनी संगठनों की संयुक्त कमान ने इस्राईल के मंगलवार के हमले को कायराना हरकत क़रार दिया है।
मौत का यह तांडव इस्राईली सेना और होमलैंड सेक्युरिटी एजेंसी के आपसी सहयोग से हुआ और इसके लिए 40 युद्धक विमानों को इस्तेमाल किया गया। इस्राईल ने दावा किया कि जिन कमांडरों को शहीद किया गया है उन्होंने इस्राईली इलाक़ों पर राकेट हमले का आदेश जारी किए थे।
यह हमले तब हुए हैं जब पिछले 18 हफ़्तों से इस्राईली प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं और बिनयामिन नेतनयाहू के मंत्रीमंडल में गहरे मतभेद देखने में आ रहे हैं। होमलैंड सेक्युरिटी के मंत्री बिन ग़फ़ीर का कहना था कि नेतनयाहू की सरकार ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमलों के मामले में कमज़ोर क़दम उठा रही है इसीलिए उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होना छोड़ दिया था।
मीडिया रिपोर्टें बताती हैं कि मंगलवार के हमले के बाद बिन ग़फ़ीर ने मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा लिया। इस तरह कहा जा सकता है कि यह हमले इस्राईल के आंतरिक मतभेदों को दूर करने कोशिश है जिसमें इस्राईल ने 13 फ़िलिस्तीनियों की जान ले ली।
महत्वपूर्ण विषय यह है कि नेतनयाहू की कैबिनेट ने बहुत पहले फ़िलिस्तीनी कमांडरों की टारगेट किलिंग की बात कही थी। नेतनयाहू की सरकार जिसे इस्राईलियों की ओर से भारी विरोध का सामना है, फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस प्रकार की नीतियों पर अमल कर रही है कि उनका प्रतिरोध लगातार मज़बूत हो रहा है और वो जवाबी हमले कर रहे हैं। इस बीच इस्राईली सरकार ने टारगेट किलिंग की योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है।
इस्राईल के चैनल 13 ने बताया कि नेतनयाहू सरकार ने अपने मंत्रियों से कहा है कि उसने टारगेट किलिंग की नीति को दोबारा अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है।
मगर फ़िलिस्तीनी संगठनों ने जो स्टैंड लिया है उससे साफ़ ज़ाहिर है कि उन्हें इस्राईल की आतंकी हरकतों का कोई डलिया है उससे साफ़ ज़ाहिर है कि उनहिै कि उसने टारगेट किलिंग की नीति को दोबारा अपने एजेंडे मेर नहीं है बल्कि इससे उनका इरादा और प्रतिरोध अधिक मज़बूत हो रहा है। हमास संगठन के नेता मूसा अबू मरज़ूक़ ने कहा कि शहीदों का ख़ून फ़िलिस्तीन की आज़ादी का रास्ता समतल करेगा और टारगेट किलिंग से यह ज़ाहिर है कि फ़िलिस्तीनी संगठन बिल्कुल सही रास्ते पर आगे जा रहे हैं।
हमास के नेता इसमाईल हनीया ने भी कहा कि हमारे कमांडरों को शहीद करके ज़ायोनी शासन ख़ुद को सुरक्षित नहीं बना सकता, हमारा रेज़िस्टेंस और मज़बूत होगा। उन्होंने कहा कि दुश्मन को ख़मियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
इस्राईल को भी यक़ीन है कि फ़िलिस्तीनी संगठनों की तरफ़ से जवाबी कार्यवाही ज़रूर की जाएगी इसीलिए उसने सेना को एलर्ट कर दिया है।