जून के महीने में प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं। लेकिन इससे पहले अमेरिका की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में भारत में मुसलमानों और ईसाइयों समेत तमाम धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाओं में इजाफा हुआ है.
इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि साल 2022 में भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में खासी बढ़ोतरी हुई है. भारत सरकार को इसे कम करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। इस रिपोर्ट को जारी करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत सरकार को ऐसे हमलों की निंदा करनी चाहिए.
इस रिपोर्ट में हमने भारत में मुसलमानों और ईसाइयों सहित सभी धार्मिक समूहों और संख्या का उल्लेख किया है। रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था का कहना है कि वे पूरी दुनिया में इस तरह के साहसिक कार्य करते हैं, ताकि समाज में सबकी भागीदारी बराबर हो.
कोई भी वंचित न रहे और जिन पर अत्याचार या दमन हो रहा हो, वे अपने हक के लिए आवाज उठाएं। ताकि आने वाले दिनों में उनकी स्थिति और बेहतर हो। ऐसा सदभाव भारत में भी आना चाहिए, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार सार्वजनिक रूप से इन हमलों की निंदा करेगी।
अमेरिका भी प्रशांत महासागर के इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पापुआ न्यू गिनी भी जाएंगे और फिर 24 मई को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में जो बाइडेन और पीएम मोदी क्वाड बैठक में शामिल होंगे. इसके बाद मोदी अमेरिका जाएंगे। जहां ये दोनों दोबारा मिलेंगे। इस दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि जो बाइडेन इस रिपोर्ट को लेकर पीएम मोदी से क्या कहते हैं.