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Friday, November 22, 2024

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इज़रायली बर्बरता के ख़िलाफ़ आसिफी मस्जिद में विरोध प्रदर्शन

क़िब्ला-ए-अव्वल बैतुल मुक़द्दस की पुनः वापसी और मज़लूम फिलिस्तीनियों की हिमायत में,इज़राइल की बर्बरता के ख़िलाफ़ मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के द्वारा आसिफी मस्जिद में अंतर्राष्ट्रीय कुद्स दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय कुद्स दिवस के मौके पर जुमातुल विदा के बाद नमाज़ियों ने इज़रायली बर्बरता के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में शियों के नरसंहार के ख़िलाफ़ भी विरोध प्रदर्शन किया गया। नमाज़ियों ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से मांग करते हुए कहा कि क़िब्ला-ए-अव्वल पर मुसलमानों का पहला अधिकार हैं, हम इस अधिकार को नहीं छोड़ सकते।

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प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नाएब इमामे जुमा मौलाना सैय्यद रज़ा हैदर ज़ैदी ने कहा कि फ़िलिस्तीन में सत्तर वर्षों से मज़लूमों पर ज़ुल्म हो रहा हैं लेकिन पूरी दुनिया मूकदर्शक बनी हुई है। क़िब्ला-ए-अव्वल पर इज़राइलियों का क़ब्ज़ा हैं क्योंकि अधिकांश अरब देश औपनिवेशिक शक्तियों की कटपुतली बने हुए हैं। आज दुनिया भर के मुसलमानों को अरब देशों के विश्वासघात की वजह से अपमानित होना पढ़ रहा हैं। अगर मुसलमान विश्व स्तर पर अपनी एकता का मुज़ाहेरा करें तो मुसलमानों के अधिकारों का हनन करने की हिम्मत किसी बड़ी ताक़त में नहीं होगी।

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इमामे जुमा मौलाना सै० कल्बे जवाद नक़वी अपनी बीमारी के कारण विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके। प्रदर्शनकारियों को दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। या तो इस्लाम विरोधी ताकतें मुसलमानों को मार रही हैं या मुसलमान मुसलमानों को मार रहे हैं। मौलाना ने कहा कि इज़राइल मुस्लिम देशों की तुलना में छोटा देश है लेकिन वह लगातार फिलिस्तीनियों पर अत्याचार कर रहा है और अरब देश चुप हैं,एक समय अरबों का ग़ैरत मशहूर थी लेकिन आज उनकी बेग़ैरती मशहूर हैं। मौलाना ने कहा कि इमाम ख़ुमैनी ने फ़रमाया था अगर सभी मुसलमान एक होकर इज़राइल पर एक मुट्ठी ख़ाक भी फेंक दें तो वो ख़त्म हो जायेगा। लेकिन दुख की बात है कि आज अरब देशों में एकता नहीं है। केवल ईरान ही हैं जो औपनिवेशिक शक्तियों के ख़िलाफ़ खड़ा है। अगर ईरान आज इज़राइल के वजूद को तस्लीम कर लें तो ईरान की तमाम तर परेशानियां ख़त्म हो जाएगी। ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध सिर्फ इसलिए लगाए गए हैं क्योंकि वह मज़लूमों का समर्थन करता हैं।

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विरोध प्रदर्शन के आख़िर में हुसैनी टाइगर्स के सदस्यों ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और जहां जहां भी शियों का नरसंहार हो रहा हैं उसके ख़िलाफ़ सदा-ए-एहतेजाज बुलंद की। विरोध प्रदर्शन में मौलाना मुशाहिद आलम रिज़वी, मौलाना अक़ील अब्बास मारुफ़ी, मौलाना फ़िरोज़ हुसैन, मौलाना वसी आबिदी, मौलाना साबिर अली इमरानी, मौलाना निहाल हैदर, शमील शम्सी, मीसम रिज़वी और अन्य मौजूद थे। निज़ामत आदिल फ़राज़ नक़वी ने की।

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