केंद्र सरकार ने बम खतरे की झूठी कॉल और संदेशों को गंभीरता से लेते हुए इस साजिश के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने मेटा और एक्स जैसे सोशल मीडिया मंचों से ऐसी कॉल और संदेशों के बारे में जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है।
सरकार ने कहा कि ये झूठी कॉल जनता के लिए के लिए खतरा हैं और इसलिए उनकी पहचान करने के लिए बहुराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियों से भी सहयोग मांगा गया है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, कुछ लोगों की पहचान की गई है, जो उड़ानों को लक्षित कर बम रखने की झूठी कॉल कर रहे थे और इस मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये झूठी कॉल और संदेश कहां से आए हैं और उनके पीछे कौन है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने मेटा और एक्स से अनुरोध किया है कि वे इन झूठी कॉल और संदेशों से संबंधित डाटा साझा करें। उन्होंने यह भी बताया कि इन कंपनियों को सहयोग करना होगा, क्योंकि यह मामला जनता के व्यापक हित में है।
हाल ही में कई उड़ानों को मिली धमकियां
हाल ही में कई उड़ानों को विमान में बम रखे होने की झूठी कॉल और संदेश मिले हैं। बुधवार को एक अज्ञात फोन करने वाले ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में डुमना हवाई अड्डे को बम से उड़ाने की धमकी दी, जो बाद में झूठी कॉल निकली। मंगलवार को करीब पचास उड़ानों को बम की धमकियो का सामना करना पड़ा, जिनमें इंडिगो और एयर-इंडिया की 13-13 उड़ानें शामिल थीं। इसके अलावा, अकासा एयर की 12 से अधिक उड़ानों और विस्तारा की 11 उड़ानों को भी धमकियां मिलीं।
पिछले नौ दिनों में 170 से ज्यादा उड़ानों को धमकियां मिलीं
सोमवार रात को भी इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तारा की करीब तीस उड़ानों में बम रखे होने की धमकियों का सामना करना पड़ा। पिछले नौ दिनों में भारत की 170 से ज्यादा उड़ानों को सोशल मीडिया के जरिए बम की धमकियों का सामना करना पड़ा, जिनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें थीं, जिन्हें अपना मार्ग बदलना पड़ा।