फडणवीस सरकार को ‘दगाबाज सरकार’ बताते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। ठाकरे मराठवाड़ा के चार दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने भारी बारिश से प्रभावित किसानों से मुलाकात की। जालना जिले के पार्टूर तहसील के पाटोदा गांव में उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार की राहत योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा। बारिश और बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं, लेकिन सरकार की मदद देर से पहुंची।
किसानों के मुद्दे पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर खरीद का एलान किया था, लेकिन खरीद केंद्र बहुत देर से खुले। किसान औने-पौने दामों पर माल बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर नुकसान के पंचनामे की प्रक्रिया में देरी कर रही है। ठाकरे ने किसानों से कहा कि वे खुद इस ‘दगाबाज सरकार’ का पंचनामा करें और अफसरों से पूछें कि क्या उन्होंने नुकसान का सर्वे किया है।
ठाकरे ने सरकार द्वारा घोषित 30 जून 2026 की कर्जमाफी की तारीख को झूठ और छलावा बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का घोषित पैकेज किसानों से धोखा है। सीएम फडणवीस ने इसे ऐतिहासिक कहा, लेकिन यह किसानों के साथ सबसे बड़ा छल है। ठाकरे ने मांग की कि प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाए।
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने 31,628 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया था, जिसमें कहा गया कि 29 जिलों में 68.7 लाख हेक्टेयर फसलें बाढ़ और बारिश से प्रभावित हुई हैं। ठाकरे ने इसे धोखे का पैकेज कहा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनमें कार्रवाई करने का साहस नहीं है। उन्होंने पुणे लैंड डील को जनता और देश के पैसे की लूट बताया।
ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अजित पवार खुद जमीन सौदों से लाभ ले चुके हैं, इसलिए उन्हें किसानों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं। ठाकरे ने भाजपा को ‘भ्रष्टाचार जनता पार्टी’ बताया और नोटबंदी की याद दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की थी, अब किसान वोटबंदी करें।

