बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति किशोर संत की खंडपीठ ने कहा कि बॉडी मसाजकर को एडल्ट / वयस्क लोगों के इस्तेमाल वाली वस्तु- सेक्स टॉय के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि बॉडी मसाजर को आयात के लिए प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में भी शामिल नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने बुधवार को पारित आदेश में सीमा शुल्क विभाग की तरफ से जब्त बॉडी मसाजर की खेप को छोड़ने का निर्देश देते हुए, खेप को जब्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया।
अदालत ने साफ किया कि एक बॉडी मसाजर को वयस्क सेक्स टॉय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे केवल सीमा शुल्क आयुक्त की कल्पना माना जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले से पहले सीमा शुल्क आयुक्त ने मुंबई में बॉडी मसाजर की खेप जब्त की थी। उन्होंने यह दावा करते हुए सामान जब्त किया था कि बॉडी मसाजर्स का इस्तेमाल वयस्क सेक्स खिलौनों के रूप में किया जा सकता है। आयुक्त ने कार्रवाई का आधार बताते हुए कहा था कि सरकार ने ऐसी वस्तुओं को आयात के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सीमा शुल्क आयुक्त की तरफ से दायर याचिका खारिज कर दी। याचिका में मई, 2023 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश से सीमा शुल्क विभाग के बॉडी मसाजर्स वाली खेप को जब्त करने के आदेश को रद्द कर दिया था।
60 साल पहले जारी अधिसूचना के आधार पर रोक; हाईकोर्ट ने माना अजीबो-गरीब
आयुक्त ने अप्रैल, 2022 में बॉडी मसाजर्स वाली खेप को यह कहते हुए मंजूरी देने से इनकार कर दिया था कि ये उपकरण वयस्क सेक्स खिलौने थे। आयुक्त के मुताबिक जनवरी, 1964 में जारी सीमा शुल्क अधिसूचना के अनुसार इन्हें आयात के लिए निषिद्ध सामानों की सूची में रखा गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि आयुक्त के निष्कर्ष ‘अजीबोगरीब और स्पष्ट रूप से काफी आश्चर्यजनक होने के साथ-साथ बहुत दूर की कौड़ी प्रतीत होते हैं।