परिवारवाद की छवि से छुटकारा पाने की कवायद में कांग्रेस, राज्यसभा के लिए कांग्रेस देगी अब सिर्फ दो मौके, AC वाले नेताओं का अब क्या होगा?
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‘एक परिवार, एक टिकट’ के अलावा कांग्रेस का संगठन पैनल हर नेता के राज्यसभा कार्यकाल की सीमा तय करने पर भी विचार कर रहा है.
चिंतन शिविर में इस बात पर चर्चा हो रही है कि क्या हर कांग्रेस नेता को राज्यसभा में दो बार भेजा जाए? उदयपुर में चल रहे नव संकल्प चिंतन शिविर में पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा इस प्रस्ताव को भी पेश किया गया है.
बता दें कि कांग्रेस के ऊपर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगते रहे हैं. इस वजह से पार्टी को कई बार सवालों के घेरे में खड़ा होना पड़ा है. अब पार्टी अपनी इस छवि को दूर करना चाहती है.
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सूत्रों के अनुसार पैनल के सामने एक प्रस्ताव है कि हर कांग्रेस नेता के लिए राज्यसभा का दो कार्यकाल तय होना चाहिए. उसके बाद वे लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें राज्यसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए नहीं भेजा जाएगा.’
यहां गौर करने वाली बात ये है कि सिर्फ राज्यसभा के कार्यकाल को लेकर ही नहीं, बल्कि ये प्रस्ताव भी दिया गया है कि ब्लॉक और जिला स्तर से लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सभी पदाधिकारियों तक, सभी का कार्यकाल पांच साल के लिए तय किया जाए. इसके बाद तीन साल की कूलिंग अवधि होनी चाहिए.
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सूत्रों ने बताया कि कार्यकाल पूरा होने के बाद पदाधिकारियों को इस्तीफा देना होगा या अन्य नेताओं के लिए जगह बनानी होगी. पैनल के एक सदस्य ने कहा, ‘इन नेताओं को संगठन के भीतर रखा जाएगा और उन्हें दूसरे काम सौंपे जा सकते हैं.’
कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने शुक्रवार को इसी प्रस्ताव का जिक्र किया और कहा कि कोई भी व्यक्ति जो लगातार पद पर बना हुआ है उसे पद छोड़ना होगा और उस व्यक्ति के उसी पद पर वापस आने के लिए तीन साल की कूलिंग अवधि पूरा करना होगा.