मणिपुर में कुकी-ज़ोमी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ कुकी समुदाय के सदस्यों ने शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों आदिवासी लोग न्याय और दोषियों को फांसी देने की मांग वाली तख्तियां लेकर एकत्र हुए।
इस बीच, नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एनईएसओ) ने भी घटना की निंदा की और कहा कि ऐसे कृत्य अपमानजनक, बर्बर और अमानवीय हैं जो सभ्य समाज में अस्वीकार्य हैं। छात्र संगठन ने एक बयान में कहा, “इन महिलाओं को सबसे घृणित तरीके से अपमानित किया गया, जो हर सही सोच वाले व्यक्ति की रीढ़ को झकझोर देने के लिए पर्याप्त है।”
एनईएसओ ने यह भी कहा कि हर संघर्ष या दंगे में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और अक्सर उनके शिकार बनते हैं। इसमें कहा गया कि असहाय महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार को कभी भी माफ नहीं किया जाना चाहिए और सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए। साथ ही मांग की कि इस संवेदनहीन कृत्य में शामिल सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा दी जाए।
एनईएसओ ने एक बार फिर मणिपुर और पूरे उत्तर पूर्व में विभिन्न स्वदेशी समुदायों से शांति और भाईचारा बनाए रखने का आग्रह किया ताकि पीढ़ियों से विकसित सदियों पुराने रिश्ते को और मजबूत किया जा सके। इस बीच बता दें कि तीन दिन पहले मणिपुर में कुकी समुदाय की महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल होने के बाद से देशभर में काफी गुस्सा है. 4 मई को हुई इस घटना में पुलिस अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.