प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया, जो खुद को ईडी और गृह मंत्रालय अधिकारी बताकर गुजरात में लोगों को ठगी करता था। उसे धन शोधन रोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसकी पहचान ओमवीर सिंह के रूप में हुई है। उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया। बाद में अहमदाबाद की कोर्ट ने विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) ने उसे दो सितंबर तक की हिरासत में भेज दिया।
ओमवीर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पुलिस की अहमदाबाद और सूरत इकाइयों में दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। उस पर धोखाधड़ी समेत कइ आरोप हैं। ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि ओमवीर सिंह ने धोखाधड़ी से खुद को ईडी का वरिष्ठ अधिकारी बताया और अपने संपर्कों के जरिए टेंडर का काम कराने के बहाने एक कोयला व्यापारी से 1.50 करोड़ रुपये की ठगी की।
बताया गया कि उसने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) के वित्तीय सलाहकार और लेखा परीक्षक के तौर पर भी सूरत स्थित ऊर्जा क्षेत्र की एक कंपनी से दो करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की। ईडी ने बताया कि ओमवीर सिंह के पास 2019 तक आय के कम स्रोत थे। वह वह एक निर्माण स्थल पर्यवेक्षक था।
ईडी ने पाया कि शहर में लोगों को धोखा देना आरोपी का पेशा था। वह एक शहर में वारदात को अंजाम देने के बाद नए लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाने के लिए अपना निवास और पहचान बदलता था। एजेंसी ने कहा कि धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे से वह ऐशोआराम की जिंदगी जी रहा था।