गुजरात में भारी बारिश के चलते चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। भयंकर बारिश और बाढ़ से जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे गुजरात को जल्द राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं सीएम भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे किया।
मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिक रामाश्रय यादव ने बताया कि जामनगर, पोरबंदर, मोरबी, स्वर्का और कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिन समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की उम्मीद है। ऐसे में भारी बारिश की संभावना है। वहीं बीते 24 घंटे में कच्छ में 30 सेमी, द्वारका में 29 सेमी बारिश दर्ज की गई। अधिकारी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं।
उधर, राज्य में बाढ़ को देखते हुए सीएम भूपेंद्र पटेल ने बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को पीड़ितों को तत्काल राहत मुहैया कराने के निर्देश दिए। सीएम पटेल ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे भी किया। साथ ही द्वारका के खांबाला क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात भी की।
बांध-नदियां खतरे के निशान से ऊपर
एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि राज्य में 140 जलाशय और बांध तथा 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत बलों के अलावा सेना, वायु सेना और तटरक्षक बल को बचाव और राहत कार्य के लिए बुलाया गया है। राजकोट, आणंद, मोरबी, खेड़ा, वडोदरा और द्वारका में सेना को तैनात किया गया है। अहमदाबाद, राजकोट, बोटाद, आणंद, खेड़ा, महिसागर, कराच और मोरबी में प्राइमरी-सेकंडरी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है।