गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक आधिकारिक सूचना जारी करते हुए मेघालय की संस्था ह्यनीवट्रेप राष्ट्रीय मुक्ति परिषद को प्रतिबंधित कर दिया है। मंत्रालय ने यह फैसला संगठन के हिंसक घटनाओं और भारत की संप्रभुता और अखंडता के प्रति खतरनाक गतिविधि को अंजाम देने के चलते लिया है। संगठन पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार मानती है कि ह्यनीवट्रेप राष्ट्रीय मुक्ति परिषद (एचएनएलसी) मेघालय में खासी और जैंतिया जनजातियों के इलाकों को अलग करने और संगठन के लिए धन जुटाने के लिए लोगों को डराती और धमकाती है। इसके अलावा संगठन के पूर्वोत्तर के अन्य उग्रवादी समूहों से भी ताल्लुकात हैं। नवंबर 2019 से जून 2024 तक मेघालय में विस्फोट या विस्फोटक लगाने सहित 48 आपराधिक मामलों में संगठन की भूमिका सामने आई है।
अधिसूचना में कहा गया कि मेघालय में एचएनएलसी अपने सभी गुटों, शाखाओं और अग्रणी संगठनों के साथ ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं। अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह फिर से संगठित हो सकता है। इसके साथ ही अपने कैडर का विस्तार कर सकता है और हथियारों की खरीद कर सकता है। इससे नागरिकों और सुरक्षा बलों की जान और संपत्तियों को नुकसान पहुंचने का खतरा है। इसके अलावा संगठन अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को तेज कर सकता है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि इसलिए ह्यनीवट्रेप राष्ट्रीय मुक्ति परिषद (एचएनएलसी) को उसके गुटों, शाखाओं और अग्रणी संगठनों के साथ गैरकानूनी संगठन घोषित करना आवश्यक है। इसलिए संगठन को पांच साल के लिए गैरकानूनी घोषित करने का फैसला लिया गया।