भारत का चंद्रयान-3 मिशन बुधवार को चांद के और करीब पहुंच गया। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट ने चांद की कक्षा बदलने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। अब चंद्रयान-3 चांद के और करीबी कक्षा में पहुंच गया है।
गौरतलब है कि 14 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा छोड़ 5 अगस्त को सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में पहुंच गया था।
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, “चंद्रयान-3 अब चांद की सतह के और करीब है। चंद्रयान-3 के ऑर्बिट कम करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इसकी दूरी 174 किमी*1437 किमी रह गई है।” इसरो ने कहा कि अब यान का चांद की कक्षा बदलने से जुड़ा ऑपरेशन 14 अगस्त को दिन में 11.30 से 12.30 के बीच होगा। जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ रहा है चंद्रयान-3 को चांद की कक्षा में और नीचे उतारने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है, ताकि इसे चांद के ध्रुव पर पहुंचाया जा सके।
कैसा रहा चंद्रयान-3 का सफर?
15 जुलाई को चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक पृथ्वी की पहली कक्षा में प्रवेश किया था। इसके बाद चंद्रयान ने 17 जुलाई को पृथ्वी की दूसरी और 18 जुलाई को पृथ्वी की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। इसके बाद 20 जुलाई को चंद्रयान ने पृथ्वी की चौथी और 25 जुलाई को पृथ्वी की पांचवीं कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक अगस्त को भारत के बहुप्रतीक्षित अभियान चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को पृथ्वी की कक्षा से निकालकर सफलतापूर्वक चांद की कक्षा की तरफ रवाना किया था। पांच अगस्त को चंद्रयान सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया था। इसके बाद चंद्रयान-3 से खींची गई कई तस्वीरों को इसरो ने साझा भी किया था।
लॉन्चिंग कब हुई?
मिशन ने 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा केन्द्र से उड़ान भरी और अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है तो यह 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा। मिशन को चंद्रमा के उस हिस्से तक भेजा जा रहा है, जिसे डार्क साइड ऑफ मून कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आता।