सपा नेता आजम खान सीतापुर की जेल से 27 महीने बाद बाहर आने के बाद पहली बार मीडिया से रामपुर में मुखातिब हुए तो अपनों से मिला दर्द आखिर छलक ही आया. उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि मेरे चाहने वालों ने कोशिश बहुत की मगर मैं अब भी जिंदा हूं’.
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आजम खान ने कहा, ‘मुझे एनकाउंटर की धमकी दी गई है. मैंने हमेशा अपने ईमान को साबित करने की कोशिश की है. मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है. आजम खान ने आगे शायराना अंदाज में कहा, ‘मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. मेरे अपने लोगों का बड़ा योगदान है’.
इससे पहले उन्होंने ज्ञानवापी विवाद पर कहा कि ये मुद्दा बाबरी मस्जिद से थोड़ा अलग है क्योंकि इस पर सुनवाई 2-3 हफ्तों में हुई है और बाबरी मस्जिद का मामला सालों तक चला है. आजम खान ने कहा इस पर अभी कुछ भी कहना इस वक्त गलत होगा और मुल्क के माहौल को खराब करने का काम करेगा.
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वहीं जब उनसे पूछा गया कि उनका नाम विपक्ष के नेता के तौर पर क्यों नहीं है तो आजम खान ने कहा चिरपरिचित शैली में जवाब दिया, ‘क्योंकि मैं उससे भी बड़ा नेता हूं.’
आजम ने आगे कहा कि ‘मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हजारों की तादाद में जो मुकदमे दायर किए हैं, उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ है. मेरे अपनों का बड़ा योगदान है. मेरी दरख्त की जड़ में जहर डालने वाले लोग अपने हैं. आजम ने कहा कि अभी मेरे लिए बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस बहुत बड़ा सवाल नहीं है. हमने अपनी मोहब्बत, अपनी वफादारी साबित कर दी, बाकी का सबूत आपको देना है.
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आजम खान को सीतापुर जेल से लेने के लिए दोनों बेटों, शिवपाल यादव और तमाम समर्थक मौके पर मौजूद थे. सीतापुर में सपा के पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के घर नाश्ता करने के बाद आजम खान अपने घर रामपुर के लिए रवाना हो गए.
आजम की रिहाई के समय उनकी पार्टी सपा से कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था. हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश ने ट्वीट कर आजम की रिहाई का स्वागत किया.